
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने लुलु मॉल (LuLu Mall Lucknow) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी (Sushant Golf City) में 11 एकड़ में करीब 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से बना शॉपिंग मॉल कभी नमाज पढ़ने तो कभी हनुमान चलीसा के पाठ करने को लेकर सुर्खियों में रहा है. वहीं, अब रामपुर से विधायक और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने लुलु मॉल के मालिक को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का फंड रेजर बताया. साथ ही लुलु मॉल में हुई नमाज के प्रकरण को बीजेपी और आरएसएस की साजिश बता दिया.
सपा नेता आजम खान ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लुलु मॉल के मालिक एमए युसुफ अली का आरएसएस से सीधा संबंध है. लुलु मॉल के मालिक आरएसएस के लिए धन जुटाने का काम करते हैं और वह राज्य में सांप्रदायिक हिंसा पैदा करना चाहता है. आजम खान ने कहा कि लुलु नाम का अरबी में कोई शब्द ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि लुलु मॉल के ही लोग ही कुछ लोगों को नमाज के लिए लेकर आए थे और इसी के कारण सारा विवाद खड़ा हुआ और बयानबाजी हुई थी. ऐसे में अब इसका नाम बदलना चाहिए, लेकिन वो इस नाम से कमा रहा है. इसलिए वो नाम नहीं बदलेगा. वो अपने गिरेबान में मुंह डाले और फिर वो जवाब दे. हमसे इस मुद्दे पर जवाब नहीं लिया जाए.
हालांकि, लुलु मॉल के जिस मालिक एम ए युसुफ अली को आजम खान आरएसएस का फंड रेजर बता रहे हैं, उन्हें लखनऊ में मॉल बनाने के लिए जमीन सपा सरकार में ही उपलब्ध कराई गई थी. लखनऊ में बने देश के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने समाजवादी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया था.
लखनऊ में 11 जुलाई को लुलु मॉल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया था. उसी समय अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में बने राज्य के सबसे बड़े फूड पार्क लुलु मॉल के लिए जमीन हमारी सरकार में दी गई थी. उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि मैं तारीख बता सकता हूं कि हमारी सरकार में दुबई की कंपनी लुलु ग्रुप को लखनऊ में मॉल खोलने के लिए कब जमीन दी गई, कब शिलान्यास हुआ, और कैसे पूरा इन्वेस्टमेंट आया.
अखिलेश यादव एक तरफ लुलु मॉल को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं तो दूसरी आजम खान शॉपिंग मॉल के मालिक को संघ का फंड रेजर करार दे रहे हैं. ऐसे में अगर लुलु मॉल के मालिक युसुफ अली अगर आरएसएस के लिए धन जुटाने का काम करते हैं तो फिर अखिलेश ने उन्हें कैसे शॉपिंग मॉल बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराई. जिसको लेकर अब सपा पर ही सवाल खड़े हो सकते हैं?
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में लखनऊ में लुलु मॉल के उद्घाटन के बाद कुछ लोगों ने वहां अनधिकृत रूप से नमाज अदा की थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया था. इसके विरोध में कुछ हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए थे और मॉल में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहते थे. इतना ही नहीं कुछ हिंदू संगठनों ने मॉल में काम करने वाले कर्मचारियों में मुस्लिमों को बड़ी संख्या में रखने का आरोप लगाया था, जिसके बाद लुलु मॉल के जिम्मेदार सामने आए थे और उन्होंने कर्मचारियों के नियुक्ति का आंकड़ा पेश किया था.