
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के थाना ठाकुरगंज में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां बिना बीमारी के 100 से अधिक मजदूरों का इलाज इंजेक्शन और विगो लगाकर शुरू कर दिया गया. मजदूरों को एक टाइम का खाना और मजदूरी देने के बहाने बुलाया गया था. मजदूरों ने जब बवाल किया तो मौके पर पुलिस पहुंची.
पुलिस और सीएमओ की टीम ने सभी मजदूरों को रेस्क्यू करा कर एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज के खिलाफ मुकदमा लिख कर मेडिकल कॉलेज के हेड को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
क्या है पूरा मामला
एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज में कुछ मजदूरों को अलग-अलग जगह से मजदूरी के लिए 1 दिन के लिए बुलाया गया. इसके एवज में उनको 1 टाइम का खाना और कुछ रुपयों की पेशकश की गई थी. हालांकि मजदूरों को यह बताया गया था कि डॉक्टर चेकिंग के लिए आएंगे, बस आपको बेड पर लेटना है, उसके बाद चले जाना है.
400 रुपये और दलिया का था वादा
इसके लिए 400 रुपये और खाने में दलिया दिया जायेग. इसके बाद तकरीबन 150 मजदूरों को रखने के अलग-अलग मजदूर अड्डा से गाड़ी में बैठाकर एमसी सक्सेना हॉस्पिटल लाया गया. हालांकि वहां पर लाने के बाद उनको मरीज बेड पर लेटाने के बाद इलाज शुरू कर दिया. उनको मेडिसिन देना, विवो लगाना, इंजेक्शन लगाना शुरू कर दिया गया.
इससे सारे मजदूर खासे नाराज हो गए और हंगामा शुरू कर दिया है. पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को अस्पताल से छुड़वा कर अन्य जगह उपचार के लिए भेज कर छोड़ दिया. इसके साथ ही एमसी सक्सेना के मैनेजिंग डॉयरेक्टर शेखर सक्सेना सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया.
मेडिकल कॉलेज का डॉयरेक्टर गिरफ्तार
शेखर सक्सेना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. डीसीपी पश्चिम सोमेन वर्मा के मुताबिक, एक मजदूर ने ठाकुरगंज थाने में आकर शिकायत की और यह बताया कि उसको एमसी सक्सैना कॉलेज ने एक टाइम का खाना और दैनिक मजदूरी देने को कह कर अस्पताल बुलाया जहां पर उन सभी को बेड पर लिटा दिया गया और उनका इलाज शुरू कर दिया गया.
मेडिकल काउंसिल के सर्टिफिकेट के लिए ड्रामा
पुलिस के मुताबिक, एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज को चलाने के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की तरफ से सर्टिफिकेट और मान्यता होनी थी, जिसके लिए अस्पताल में मरीज और बेड होना जरूरी था और उनका इलाज मौजूदा हालत में किया जा रहा था.
नेशनल मेडिकल काउंसिल के सर्टिफिकेट के लिए इन मजदूरों को मरीज बनाकर लाया गया और उनका इलाज शुरू किया गया. हालांकि इस मामले में एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज के सीईओ शेखर सक्सेना सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और आगे की कार्रवाई की जा रही है.