
यूपी में शपथ ग्रहण से पहले ही पुलिस एक्शन में आ गई है. यूपी पुलिस ने पशुपालन घोटाले में निलंबित डीआईजी अरविंद सेन समेत 21 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया है. पुलिस ने डीआईजी पीएसी रहे अरविंद सेन और घोटाले के मास्टरमाइंड अरुण राय समेत सभी गिरफ्तार 21 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया है.
दरअसल, इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया को चारा आपूर्ति के टेंडर में शामिल करने के मामले में विधानसभा सचिवालय के कुछ पत्रकारों और कर्मचारियों सहित 14 लोग शामिल थे. भाटिया के साथ कथित तौर पर इन लोगों ने 9.72 करोड़ रुपये की ठगी की थी.
पशुपालन विभाग में एक व्यक्ति को टेंडर दिलाने के नाम पर 9 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी जिसके बाद आरोपी आशीष राय मामलों को मैनेज करने के लिए आरोपी संतोष मिश्रा सांठगांठ करता था. संतोष मिश्रा खुद को पत्रकार बताकर पुलिस से मैनेज करता था और इसके बदले मोटी रकम दी जाती थी.
पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी
इस मामले में पशुधन राज्यमंत्री जयप्रताप निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव धीरज कुमार देव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, कथित पत्रकार एके राजीव, रूपक राय और उमाशंकर को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़ित मंजीत ने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी (अब डीआईजी) अरविंद सेन पर इन लोगों से मिलीभगत कर धमकाने का आरोप लगाया था. मामले की जांच कर रही एसटीएफ की पड़ताल में साफ हुआ कि तब तत्कालीन एसपी अरविन्द सेन ने पीड़ित को धमकाया था. इसके योगी सरकार ने पीएसी सेक्टर आगरा में तैनात डीआईजी अरविंद सेन को निलंबित कर दिया.