
उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे पर सियासी घमासान मचा है. विरोधी दल मदरसों के सर्वे को लेकर यूपी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को घेरने में जुटे हैं तो वहीं सरकार इस फैसले का बचाव करती नजर आ रही है. मदरसों के सर्वे को लेकर आजतक से बात करते हुए यूपी सरकार के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने साफ किया कि मदरसों के खिलाफ एक्शन उसका स्टेटस नहीं बल्कि कार्यशैली और गतिविधि देखकर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि दारुल उलूम का मदरसा हो या कोई छोटा, अगर उसे अवैध गतिविधि में लिप्त पाया जाएगा तो सरकार एक्शन लेगी. ब्रजेश पाठक ने ये भी कहा कि जो संस्थान बच्चों को तालीम देते हैं, उन्हें सरकार के नियमों का पालन करना होगा और इसी लिए मदरसों का सर्वे कराया गया. उन्होंने ये भी कहा कि जिन मदरसों का पंजीकरण नहीं हुआ है और वे गैरकानूनी काम में लिप्त हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.
यूपी के डिप्टी सीएम ने कन्नौज में हुई हिंसा को लेकर कहा कि प्रदेश में हर हाल में कानून का राज होगा. सांप्रदायिक तनाव पर पुलिस ने कार्रवाई की है और यदि किसी भी तरह की लापरवाही पाई जाती है तो एक्शन होगा. उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान को लेकर भी पलटवार किया जिसमें एआईएमआईएम अध्यक्ष ने ये कहा था कि एक दिन हिजाब वाली लड़की भारत का प्रधानमंत्री बनेगी.
ब्रजेश पाठक ने कहा कि ओवैसी कोो नहीं पता कि भारतीय लोकतंत्र में संविधान के साथ काम होता है. जनता जिसे चुनेगी, वही प्रधानमंत्री बनेगा. उन्होंने कहा कि मुंगेरीलाल के ये हसीन सपने कभी पूरे नहीं होंगे. यूपी के डिप्टी सीएम ने कांग्रेस को भी घेरा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जब अपनी आंतरिक राजनीति से निपट पाएगी तब जाकर देश के बारे में सोच पाएगी.
मायावती ने किया पलटवार
यूपी सरकार की ओर से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की बात पर बसपा प्रमुख मायावती ने पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी सरकार की टीम ने लोगों के चंदे से चल रहे प्राइवेट मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है जिसके मुताबिक 7500 से अधिक मदरसे गैर मान्यता प्राप्त होने की बात कही गई है. मायावती ने कहा है कि ये मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं. गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?
उन्होंने ये भी कहा कि सरकारी मदरसा बोर्ड के मदरसों में टीचर और स्टाफ के वेतन के लिए बजट का प्रावधान करने को जब सर्वे कराया जाता है तो क्या सरकार अब इन प्राइवेट मदरसों को भी अनुदान सूची में शामिल करेगी? उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार के समय सौ मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया गया था. मायावती ने कहा कि पहले कांग्रेस की सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण के नाम पर वहां के छात्रों को उनकी पसंद की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने की बजाय उन्हें ड्राइविंग, मैकेनिक, कारपेंटर की ट्रेनिंग देकर मदरसों का अपमान किया.
बसपा प्रमुख ने कहा कि अब आगे देखिए बीजेपी की सरकार में उनका क्या होता है? उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी सरकारी स्कूल, शिक्षा व्यवस्था के हालात बदतर होते जा रहे हैं. मायावती ने अपने ट्वीट में आगे कहा है कि ये किसी से छिपा नहीं है फिर भी सरकारें लापरवाह क्यों हैं? क्या इसलिए कि वहां ज्यादातर गरीब, कमजोर वर्ग के बच्चे ही पढ़ते हैं?