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आगरा के इस मदरसे में हिन्दू बच्चे भी पढ़ते हैं, मैथ्स-साइंस के साथ लेते हैं उर्दू की तालीम

साल 1958 में बने इस मदरसे में 450 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. दस साल पहले यहां एक भी हिन्दू बच्चा नहीं पढ़ता था लेकिन आज यहां 202 हिन्दू और 248 मुस्लिम बच्चे एक साथ पढ़ाई कर रहे हैं. हिन्दी के अलावा हिन्दू बच्चे उर्दू और अरबी की तालीम भी ले रहे हैं.

एक दशक से पेश कर रहा है एकता की मिसाल एक दशक से पेश कर रहा है एकता की मिसाल
अनुग्रह मिश्र
  • आगरा,
  • 27 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में मदसरों में आधुनिक शिक्षा लागू करने की पहल शुरू कर रही है लेकिन आगरा में एक ऐसा मदरसा भी है जहां पिछले 10 साल से एक हिन्दू टीचर मैथ्स, साइंस और अंग्रेजी पढ़ा रहा है. आमतौर पर यह माना जाता है कि मदसरों में मुस्लिम बच्चों को सिर्फ इस्लामिक शिक्षा और उसके मूल्यों को मजबूती देने वाली बातें ही सिखाई जाती है. ऐसे में आगरा का यह मदरसा एक नई मिसाल पेश कर रहा है.

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खास बात यह है कि मदरसे में सिर्फ मुस्लिम बच्चे ही तालीम नहीं लेते बल्कि हिन्दु बच्चे भी यहां साथ बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. यह मदरसा सामाजित समरसता और धार्मिक एकता का जीता-जागता उदारहण है. दरौथा का मोइन उल इस्लाम मदरसे में उर्दू, अरबी, फारसी के साथ-साथ अंग्रेजी, हिन्दी, गणित और विज्ञान के विषय भी पढ़ाए जाते हैं. यही नहीं यहां पर कंम्प्यूटर साइंस की शिक्षा भी दी जा रही है.  

करीब आधे बच्चे हिन्दू

इस मदरसों में सरकार के आदेश के बाद से नहीं बल्कि एक दशक पहले से 'दुनियावी तालीम' दी जा रही है. ताकि हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बच्चे एक साथ बैठकर शिक्षा ग्रहण कर सकें. 1958 में बने इस मदरसे में 450 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. दस साल पहले यहां एक भी हिन्दू बच्चा नहीं पढ़ता था लेकिन आज यहां 202 हिन्दू और 248 मुस्लिम बच्चे एक साथ पढ़ाई कर रहे हैं. हिन्दी के अलावा हिन्दू बच्चे उर्दू और अरबी की तालीम भी ले रहे हैं.

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हिन्दी उर्दू साथ-साथ

चौथी क्लास में पढ़ने वाली दीप्ति ने बताया कि मदरसा उनके घर के करीब है और उन्होंने अपने पिता से यहां पढ़ने की इजाजत मांगी. दीप्ति की इच्छा के मुताबिक उनके पिता ने बेटी का दाखिला यहां करा दिया और पिछले दो साल से वो यहां आम विषयों के अलावा उर्दू और अरबी भी सीख रही है.

मदरसे के प्रमुख मौलाना उजैर आलम ने बताया कि कोई भी धर्म जाति के आधार पर भेदभाव करना नहीं सिखाता . यह एक ऐसी जगह है जहां सभी धर्मों के बच्चे एक साथ बैठक शिक्षा लेकर एकता और सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं. हमारी ओर से यह एक छोटी सी कोशिश है.  

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