
प्रदेश में चल रहे विधान परिषद चुनाव के लिए माफिया डॉन बृजेश सिंह ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. कड़ी सुरक्षा में पहुंचे बृजेश के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी मौजूद थे. उन्होंने इससे पहले विधान सभा चुनाव में चंदौली के सैयदराजा विधानसभा सीट से भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें इसमें मुंह की खानी पड़ी थी.
डॉन की पत्नी ने भी किया नामांकन
विधान परिषद सदस्य पद के लिए वाराणसी से जेल में बंद बृजेश सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया. बुधवार को ही डॉन की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने भी वाराणसी से ही विधान परिषद सदस्य पद के लिए पर्चा दाखिल किया है. इस दौरान सुरक्षा कारणों से पूरे कचहरी परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. देखना ये होगा कि इस चुनाव में कौन डॉन का समर्थन करता है.
बाप का बदला लेने से अपराध की दुनिया में दाखिला
धरहरा गांव में 27 अगस्त 1984 में हरिहर सिंह और पांचू सिंह ने राजनीतिक वर्चस्व के कारण रविंद्र सिंह की हत्या कर दिया था. इसके एक साल बाद रविंद्र सिंह का बेटा बृजेश सिंह ने बीएससी की पढ़ाई छोड़कर 27 मई 1985 को हरिहर सिंह की हत्या कर दी. इसके बाद अपराध दुनिया में शामिल हुए बृजेश ने 9 अप्रैल 1986 को सिकरौरा गांव में पांच लोगों को गोलियों से भून दिया. इसी अपराध में पहली बार गिरफ्तार होकर उसे जेल जाना पड़ा. जेल में ही गाजीपुर के मुडियार गांव के नामी अपराधी त्रिभुवन सिंह से उसकी मुलाकात हुई और उसने गैंग बनाकर अपराध करना शुरू कर दिया.