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UP: मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की फर्जी तरीके से कराए गए असलहा लाइसेंस के ट्रांसफर के मामले में अग्रिम जमानत खारिज हो गई है. उन्होंने साल 2012 में लखनऊ से जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस को बगैर सूचित किए दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करा लिया था.

अब्बास अंसारी (फाइल फोटो) अब्बास अंसारी (फाइल फोटो)
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 05 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:15 AM IST

यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी पहले से ही मुसीबतों में घिरे हुए हैं. ऐसे में अब उनके विधायक बेटे अब्बास अंसारी पर भी मुसीबत आ गई है, जिसमें मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की साल 2012 में लखनऊ से जारी शस्त्र लाइसेंस बगैर सूचना दिए दिल्ली के पते पर ट्रांसफर कराने के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष सत्र अदालत ने अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया है. 

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जानकारी के मुताबिक, स्पेशल जज हरबंस नारायण ने अपने ऑर्डर में कहा कि अभियुक्त अब्बास अंसारी के खिलाफ पहले से ही अपराधिक मामले दर्ज हैं और शस्त्र लाइसेंस मामले में अरेस्ट वारंट भी बीती 14 जुलाई को जारी किया जा चुका है, जिसके चलते अर्जी स्वीकार नहीं की जा सकती और अग्रिम जमानत खारिज की जाती है. 

दरअसल 12 अक्टूबर 2019 को लखनऊ के महानगर थाने में अब्बास अंसारी के खिलाफ पुलिस की तरफ से FIR दर्ज की गई थी और जांच-पड़ताल के दौरान अब्बास अंसारी के पास से रिवॉल्वर, गन राइफल में मैगजीन और कारतूस बरामद किए थे, जिसके बाद महानगर पुलिस ने थाने में 467, 468, 471, 420 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. 


फर्जी तरीके से असलहा के ट्रांसफर के इस मामले में अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ की एक कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था. इसके बाद लखनऊ से कई टीमें बनाकर पुलिस अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी के लिए प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी कर रही है. 

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चुनाव के समय दिया था विवादित बयान 

अपने भाषण में अब्बास अंसारी ने कहा था कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी से कह कर आया हूं कि 06 महीने तक किसी की ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगी. जो जहां है, वहीं रहने वाला है. पहले हिसाब -किताब होगा. उसके बाद उनके जाने पर मुहर लगाई जाएगी. उन्होंने आगे कहा था कि हम बाहुबली हैं. हमें इससे कोई गुरेज नहीं है. मेरे नौजवान साथियों की तरफ कुछ बैल सींग निकाल कर खड़े हैं. समय आने दीजिए खूंटे में यहीं नहीं बांध दिया तो कहिएगा. अखिलेश यादव से मैंने कहा था कि पहले जिन लोगों ने मुकदमे लगाए हैं, उनकी भी जांच पड़ताल कर लिया जाए.
 

 

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