
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से बचने के लिए पहले ही तैयारियां की जा रही हैं. दूसरी लहर में ऑक्सीजन संकट से सबक लेते हुए योगी सरकार ने अस्पतालों में ही ऑक्सीजन प्लांट लगा दिए हैं. महोबा के जिस अस्पताल में प्लांट लगाया गया है, वहां ऑक्सीजन लगाना जिन कर्मचारियों के भरोसे है, वे अनाड़ी हैं. प्रशासनिक लापरवाही से जिले में हड़कंप मच गया है.
महोबा में 3 जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं जिससे अगर कोरोना की तीसरी लहर आए, तो ऑक्सीजन की कमी से मरीजों को जान न गंवानी पड़े. ऑक्सीजन प्लांट्स में लगाए गए कर्मचारी प्लांट को चलाने के लिए प्रशिक्षित नहीं किए गए हैं. ऑक्सीजन प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों ने इस बात को स्वीकार किया है.
अस्पताल प्रशासन की यह लापरवाही ऑक्सीजन प्लांट में बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकती है. कोरोना वायरस की तीसरी लहर की तैयारी करते हुए जिला प्रशासन ने महोबा के जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र श्रीनगर में ऑक्सीजन प्लांट लगाया है. ऑक्सीजन प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों को ट्रेनिंग ही नहीं दी गई है.
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CMO बोले- कर्मचारी हैं पूरी तरह से प्रशिक्षित
लापरवाही की हद तो तब हो गई जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) यह कहते नजर आए कि जिले में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट में लगाए गए कर्मचारी पूर्णतया प्रशिक्षित हैं. वही प्लांट में काम कर रहे कर्मचारी इस बात को बड़ी सहजता से स्वीकार कर रहे हैं कि हमें कहीं से भी ऑक्सीजन प्लांट चलाने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है.
...कहीं बड़ी दुर्घटना की वजह न बन जाएं ऑक्सीजन प्लांट
सरकार आने वाले वक्त में कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की मदद के लिए लाख दावे कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत अलग है. सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट लगाने से ही कोरोना की तीसरी लहर से बचा नहीं जा सकता. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और अप्रशिक्षित कर्मचारी कहीं जिले में किसी बड़ी दुर्घटना की वजह न बन जाएं.