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Mainpuri Bypoll: 'हम सब एक...' शिवपाल ने अखिलेश को दिया आशीर्वाद, कहा- डिंपल को रिकॉर्डतोड़ मतों से जितवाना है

मैनपुरी उपचुनाव के लिए सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है. शिवपाल यादव डिंपल को प्रत्याशी बनाने से लेकर उनके लिए वोट मांगने तक का काम कर रहे हैं. वह अखिलेश के साथ मंच भी साझा कर रहे हैं. रविवार को भी चुनाव प्रचार के दौरान एक मंच पर अखिलेश और शिवपाल साथ आए. इस दौरान अखिलेश ने अपने चाचा के पैर भी छुए. 

मंच पर अखिलेश, शिवपाल के अलावा राम गोपाल यादव और राम गोविंद चौधरी भी थे मौजूद मंच पर अखिलेश, शिवपाल के अलावा राम गोपाल यादव और राम गोविंद चौधरी भी थे मौजूद
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 20 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के फिर एक होने की कई तस्वीरें सामने आ चुकी हैं लेकिन पिछले दिनों शिवपाल के अखिलेश के खिलाफ दिए बयान और डिंपल के नामांकन में शामिल न होने से इस चर्चाओं पर लगभग विराम लग गया था. इस बीच सैफई से रविवार को फिर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने चाचा-भतीजे के एकजुट होने के कयासों को फिर से गर्म कर दिया है. 

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दरअसल मुलायम सिंह के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से डिंपल यादव को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है. इसी क्रम में चुनाव प्रचार को लेकर एक सभा का आयोजन किया गया. इसमें मंच पर अखिलेश यादव के साथ सपा महासचिव राम गोपाल यादव, प्रसपा संरक्षक शिवपाल यादव और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी एकसाथ दिखाई दिए. मंच पर आते ही अखिलेश ने पहले राम गोपाल यादव फिर शिवपाल के पैर छुए. मंच पर शिवपाल के बेटे आदित्य यादव भी दिखे. इस दौरान अखिलेश-शिवपाल जिंदाबाद के नारे भी लगे.

नेताजी को याद कर भावुक हुए शिवपाल

शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव को आशीर्वाद देते हुए मंच से कहा कि अब हम सब लोग एक हो गए हैं. मंच पर लोगों को संबोधित करते हुए शिवपाल नेताजी को याद करते हुए भावुक भी हो गए. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा विधानसभा का रिकॉर्ड तोड़कर डिंपल यादव की बड़ी जीत करवानी है. शिवपाल बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला और उनके नेता व विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

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चाचा-भतीजे में कभी दूरियां नहीं थीं

अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को धन्यवाद कहा. इसके बाद वह बोले- लोग कहते थे कि चाचा-भतीजे में बहुत दूरियां हैं. आपको बता दूं चाचा-भतीजे में दूरियां नहीं थीं, राजनीति में दूरियां थीं, चाचा-भतीजे में मैंने कभी दूरियां नहीं मानीं. खुशी इस बात की है कि राजनीति की दूरियां आज खत्म हो गईं. अब घबराहट बीजेपी को हो रही होगी क्योंकि जसवंतनगर ने मन बना लिया, करहल साथ चल दिया, मैनपुरी ठीक हो गई, भोगांव भी जीतने जा रहे हैं तो सोचिए परिणाम क्या होगा?

बीजेपी के तकलीफ के हकीम-वैध के पास दवा नहीं

बीजेपी साजिश करती है. इसकी तकलीफ बहुत अजीब है, जिसकी दवाई ना तो हकीम के पास है और ना किसी वैध के पास, अस्पतालों में भी दवाई नहीं है. परिवार अगर दूर हो तो कहते हैं कि परिवार में झगड़ा है और परिवार एक हो जाए तो कहते हैं परिवारवादी पार्टी हैं. यह तकलीफ भाजपा के लोगों को है और रहेगी, यह लोग हर जगह कमियां ढूंढते हैं. उन्होंने नेताजी को याद करते हुए कहा कि आत्मा कभी खत्म नहीं होती. वह कहीं ना कहीं से देख रहे हैं. आज हम सब लोग एक हो गए हैं. यह शुरुआत है. आने वाले समय में परिणाम बताएगा कितना बड़ा होने जा रहा है.

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नेताजी के जन्मदिन पर होगा भव्य आयोजन

अखिलेश यादव ने कहा- हम 22 नवंबर को नेता जी का जन्मदिन मनाते हैं. इस बार नेताजी नहीं है, तो एक भव्य जन्मदिन हम सभी लोग मिलकर एक साथ मनाएंगे. सैफई के पंडाल में सभी लोग एकत्रित होंगे.

डिंपल के सपोर्ट में शिवपाल ने किया था ट्वीट

17 नवंबर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने डिंपल के साथ चाचा शिवपाल यादव मुलाकात की थी. इसके बाद अखिलेश ने ट्वीट किया- नेताजी और घर के बड़ों के साथ-साथ मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है!

वहीं इससे एक दिन पहले शिवपाल ने सैफई में प्रसपा के कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी. इसमें उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से मैनपुरी में डिंपल का समर्थन करने के लिए कहा था. उन्होंने ट्वीट किया- जिस बाग को सींचा हो खुद नेता जी ने... उस बाग को अब हम सीचेंगे अपने खून पसीने से...

सपा के स्टार प्रचारकों में है शिवपाल का नाम

सपा ने मैनपुरी उपचानव के लिए डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है. सपा ने चुनाव प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की जो लिस्ट जारी की है, उसमें शिवपाल यादव का भी नाम शामिल है. इसके अलावा इस लिस्ट में अखिलेश यादव, आजम खान, जया बच्चन समेत 40 नेताओं के नाम भी हैं. 

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डिंपल के नामांकन में नहीं आए थे शिवपाल

डिंपल यादव ने जब मैनपुरी में उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था उस वक्त न तो शिवपाल यादव दिखे थे और न ही उनके बेटे आदित्य यादव. हालांकि, रामगोपाल यादव ने यह बात जरूर कही थी कि शिवपाल यादव से पूछकर ही डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि शिवपाल आएं या न आएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वहीं अखिलेश यादव ने कहा था कि मुलायम परिवार में सब ठीक है और चुनाव प्रचार में सब लोग नजर आएंगे.  

जो परिवार का न हुआ, वह सफल नहीं हो सकता

पिछले दिनों शिवपाल सिंह यादव ने नाम लिए बिना सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जो परिवार का नहीं हो सका, वो कभी भी सफल नहीं हो सकता. बड़े नेताओं को समझदारी से काम लेना चाहिए. समाज में जिनका एक अच्छा प्रभाव और पकड़ है, उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए. शिवपाल ने अखिलेश को नसीहत दी थी कि अखिलेश के साथ चापलूसी करने वाले और गलत राय देने वाले लोग हैं, इनसे दूरी बनाना जरूरी है.

बीजेपी ने शिवपाल के करीबी को दिया टिकट

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बीजेपी ने सपा के गढ़ मैनपुरी में सेंध लगाने के लिए रघुराज शाक्य को टिकट दिया है. रघुराज शिवपाल यादव के करीबी हैं. वे सपा से दो बार सांसद भी रह चुके हैं. जब शिवपाल यादव ने प्रसपा का गठन किया था, तो रघुराज सपा से प्रसपा में आ गए थे. हालांकि, 2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वे प्रसपा से बीजेपी में शामिल हो गए. रघुराज शाक्य ने शिवपाल को अपना राजनीतिक गुरु बताया था. उन्होंने कहा था कि वे शिवपाल यादव से आशीर्वाद लेने जाएंगे.

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