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मनीष गुप्ता मर्डर केसः पीड़ित परिवार से मिले CM योगी, मामला गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर

सीएम योगी ने कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने केस को गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर करने के आदेश भी दिए. आरोप है कि पुलिस की पिटाई से मनीष की मौत हो गई थी.

मृतक मनीष गुप्ता (फाइल) मृतक मनीष गुप्ता (फाइल)
समर्थ श्रीवास्तव/रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 30 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST
  • पुलिस पिटाई से मनीष गुप्ता की मौत
  • पीड़ित परिवार से मिले मुख्यमंत्री योगी
  • शिवपाल-अखिलेश ने भी की मुलाकात

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (Manish Gupta) के परिवार से मुलाकात की. कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में एक होटल में पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी. सीएम योगी ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी से मुलाकात की और उन्हें इंसाफ दिलाने का पूरा भरोसा दिया.

इस मुलाकात के बाद मीनाक्षी ने बताया कि सीएम ने एक गार्जियन की तरह उनकी बातों को सुना. उन्हें इंसाफ का भरोसा दिलाया. इसके अलावा सीएम योगी ने बेटे की पढ़ाई का खर्चा उठाने और मीनाक्षी को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया. उन्हें विकास प्राधिकरण में ओएसडी की नौकरी दी जाएगी. साथ ही राहत राशि को भी 10 लाख रुपये से बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है.

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सीएम योगी (CM Yogi) ने पुलिस लाइन में मनीष की पत्नी मीनाक्षी और उनके बेटे से मुलाकात की. आजतक से बातचीत में मीनाक्षी ने बताया कि सीएम योगी ने केस को गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश भी दिया है. उन्होंने कहा कि वो सीएम से मिलकर और उनके आश्वासन से संतुष्ट हैं.

योगी बोले- कोई भी दोषी, बख्शा नहीं जाएगा

इस मामले में सीएम योगी ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि इस घटना का दोषी कोई भी हो, किसी भी पद पर हो, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. सबकी जवाबदेही तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि अपराधी सिर्फ अपराधी होता है. उन्होंने बकाया कि घटना पर अधिकारियों को निर्देश देकर तुरंत मुकदमा दर्ज कराया गया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कानपुर तो अपराध और अपराधियों के खिलाफ हमारी 'जीरो टॉलरेंस नीति' का जीता जागता उदाहरण है. सीएम योगी ने आगे कहा कि पीड़ित की पीड़ा के साथ जुड़ना हमारा दायित्व है. सरकार हर कदम पर परिवार के साथ है, हर कीमत पर उन्हें न्याय मिलेगा. मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं.

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शिवपाल यादव भी पहुंचे

इसी बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. यहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया. यहां शिवपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस बेलगाम हो गई है. मुख्यमंत्री के गृहजिले में ऐसी घटना बहुत शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि वो पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं.

अखिलेश ने भी की थी मुलाकात

सीएम योगी से पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी मनीष गुप्ता के परिजनों से मुलाकात की थी. अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान भी किया. साथ ही सरकार से इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराने की मांग भी की. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने हत्या की है और इसमें सीधे-सीधे सरकार की नाकामी है.

ये भी पढ़ें-- गोरखपुर: 'राइफल से पुलिस ने मारा, सिर पिचक गया था', बोली प्रॉपर्टी डीलर की बहन

क्या है पूरा मामला?

कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर के एक होटल में ठहरे हुए थे. तभी रात में रामगढ़ताल थाने की पुलिस चेकिंग के लिए वहां पहुंची. पुलिस ने आईडी कार्ड मांगा. मनीष के दोस्तों ने आईडी दिखा दी, लेकिन उस वक्त मनीष सो रहे थे. आरोप है कि मनीष ने बस इतना कहा कि ये कौन सा समय है चेकिंग करने का. इस पर पुलिस वाले भड़क गए और मनीष की पिटाई कर दी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. 

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मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी का आरोप है कि चेकिंग के दौरान ही पुलिसकर्मियों ने मनीष की पिटाई की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मनीष के शरीर पर गहरे चोट के निशान मिले हैं. मनीष गुप्ता के शरीर पर 4 गंभीर चोटों के निशान मिले. सिर के बीच में आई 5×4 सेंटीमीटर की चोट जानलेवा साबित हुई. इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष गुप्ता के दाहिने हाथ की कलाई पर डंडा मारने का निशान है. दाहिने हाथ की बांह पर भी डंडे से पिटाई के निशान है और बांए आंख की ऊपरी परत पर चोट के निशान है.

6 पुलिसकर्मी सस्पेंड, गिरफ्तारी किसी की नहीं

मनीष गुप्ता की पिटाई के बाद मौत के मामले में जिन छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उनके नाम सामने आ गए हैं. इस मामले में रामगढ़ताल थाने के एसएचओ जगत नारायण सिंह के साथ अक्षय मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कांस्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया गया है. इस मामले में केस तो दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

 

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