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देश के राजभवनों में यूपी का दबदबा, गवर्नर बनी कईं शख्सियतें उत्तर प्रदेश से

उत्तर प्रदेश के बीजेपी नेताओं को गवर्नर बनाए जाने का सिलसिला लगातार जारी है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है. देश में आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों के राजभवनों में उत्तर प्रदेश के शख्सियत का दबदबा कायम है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राज्यपाल कलराज मिश्रा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राज्यपाल कलराज मिश्रा
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST

  • मनोज सिन्हा बनाए गए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल
  • देश के 7 राज्यों के राजभवनों पर उत्तर प्रदेश का दबदबा

बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के भरोसेमंद माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाया गया है. मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश के बीजेपी नेताओं को गवर्नर बनाए जाने का सिलसिला लगातार जारी है. देश के अलग-अलग करीब आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों के राजभवनों उत्तर प्रदेश के शख्सियत का दबदबा कायम है.

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1. मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने के एक साल पूरा होते ही उपराज्यपाल (एलजी) गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफा दे दिया था, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया. मुर्मू की जगह बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को नियुक्त गया है, जो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले हैं. 3 बार बीजेपी से सांसद रहे और मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं. हालांकि, अब जम्मू-कश्मीर के राजभवन की उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.

आरिफ मोहम्मद खान

2. आरिफ मुहम्मद खान

राजीव गांधी सरकार ने शाहबानो मामले में तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा था तो आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक चर्चा में आए थे. कांग्रेस से लेकर जनता दल और बसपा से सांसद बनने वाले आरिफ मोहम्मद ने बाद में बीजेपी ज्वाइन कर लिया था. वो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले हैं और मोदी सरकार के तीन तलाक के खिलाफ कानून बनवाने में उनकी अहम भूमिका रही है. इसी के बाद मोदी सरकार ने उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया है.

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3.कलराज मिश्र

उत्तर प्रदेश की सियासत में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाने कलराज मिश्र राजस्थान के राज्यपाल हैं. यूपी के गाजीपुर के रहने वाले हैं और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल के आखिरी समय में कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया गया था, लेकिन 2019 में कल्याण सिंह की जगह राजस्थान राजभवन की जिम्मेदारी सौंप दी गई. विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सीएम अशोक गहलोत और कलराज मिश्र के बीच तनातनी देखने को मिली थी.

सत्यपाल मलिक

4. सत्यपाल मलिक

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले सत्यपाल मलिक कभी जनता दल और फिर सपा में रह चुके हैं. वो 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था. बीजेपी ने पहले बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया था और 2018 में जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बना दिया गया. जम्मू-कश्मीर में उनके रहते हुए ही धारा 370 को हटाया गया है, जिसमें उनकी अहम भूमिका रही है. जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद मलिक को गोवा का राज्यपाल बना दिया गया. इस तरह गोवा राजभवन में अभी वो आसीन हैं.

5. फागू चौहान

बिहार के राजभवन में भी यूपी का दबदबा कायम है. यूपी के आजमगढ़ के शेखपुरा में जन्मे फागू चौहान बिहार के राज्यपाल हैं. भागू चौहान ने अपना राजनीतिक सफर दलित किसान मजदूर पार्टी से शुरू किया और जनता दल होते हुए बीजेपी और बसपा तक से विधायक बने, लेकिन 2017 के चुनाव से पहले बीजेपी में वापसी कर गए. कल्याण सिंह से लेकर मायावती और योगी कैबिनेट में मंत्री रहे, लेकिन 2019 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

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6. बेबी रानी मौर्या

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली हैं. बेबी रानी मौर्य 1995 में आगरा की पहली महिला मेयर चुनी गईं थी. मेयर बनने के बाद मौर्या ने एत्मादपुर से 2007 में विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाया था लेकिन हार गईं थी. 1997 में राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष भी रही हैं, लेकिन फिलहाल उत्तराखंड के राजभवन पर विराजमान हैं.

7. बीडी मिश्रा

अरुणाचल प्रदेश के राजभवन पर भी उत्तर प्रदेश का दबदबा कायम है. ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं. बीडी मिश्रा का जन्म 20 जुलाई 1939 में भदोही के उनके पैतृक गांव कठौता में हुआ था. इलाहबाद यूनिवर्सिटी से एमए, मद्रास यूनिवर्सिटी से एमएससी के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी किया और बाद में सेना में भर्ती हो गए और सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें गवर्नर बनाया गया है.

बता दें कि इन गवर्नरों के अलावा भी उत्तर प्रदेश के कई बीजेपी नेता राज्यपाल रह चुके हैं, जिन्हें मोदी सरकार में राजभवन पर आसीन किया गया था. इनमें कल्याण सिंह से लेकर केशरीनाथ त्रिपाठी और लालजी टंडन तक का नाम शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी राजस्थान के राज्यपाल बने थे और पिछले साल अपना कार्यकाल पूरा किया. उत्तर प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी को 2014 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया और वे पिछले साल सेवामुक्त हुए. लालजी टंडन का पिछले महीने निधन हुआ है. वो मध्य प्रदेश के राज्यपाल बने थे.

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