
कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष के 21 दलों के समर्थन के साथ पेट्रोल-डीजल के दामों की बढ़ोतरी पर सोमवार को भारत बंद किया था. समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) कांग्रेस के इस बंद में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन बाहर से समर्थन किया था. अब भारत बंद के दूसरे दिन बसपा प्रमुख मायावती ने एक तीर से दो निशाना साधते हुए बीजेपी और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि मोदी सरकार भी 2014 में भाजपा की सरकार बनने के 6 महीने बाद भी बाद ही पेट्रोल की कीमत और डीजल की कीमत को पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के कांग्रेस की उसी नीति को मोदी सरकार ने आगे बढ़ाया है और उन्होंने इसको बहुत बड़े आर्थिक सुधार की तरह लोगों के सामने पेश किया. जबकि यह फैसला गरीबों पिछड़ों और दलितों को बेहद नुकसान देने वाला था.
उन्होंने कहा आने वाले चुनाव में जनता भाजपा को उसी तरह सबक सिखाएगी, जिस तरह कांग्रेस को सिखाया था.
भारत बंद को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर मायावती ने कहा कि बढ़ती हुई कीमत और महंगाई को लेकर भारत बंद करना तो ठीक है, लेकिन इस तरह के हिंसक प्रदर्शन की पक्षधर कत्तई नहीं है और इसका विरोध करती हैं.
मायावती ने मोदी सरकार को अमीर लोगों का हितैषी करार देते हुए कहा कि भाजपा नीत सरकार के बड़े सुधार दरअसल चंद अमीरों को फायदा पहुंचाने वाले हैं. लिहाजा उन्होंने सरकार से बढ़ हुई कीमतों फौरन वापस लेने की मांग की है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज जिस तेवर में नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए उसी तरह कांग्रेस पर भी निशाना साधा. ऐसे में मायवती के बयानों के राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे हैं कि कहीं बसपा कांग्रेस पर निशाना साधकर अपनी अलग राजनीतिक राह तो नहीं तलाश रही हैं.