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मोदी सरकार की नई मेट्रो नीति को मायावती ने बताया जन विरोधी

मायावती ने अपने प्रेस रिलीज में वार करते हुए कहा कि मेट्रो 2002 में शुरू हुई थी, तब से लेकर अब तक केंद्र सरकार इसमें राज्यों को मदद करती थी. लेकिन अब मोदी सरकार ने इससे खुद को अलग कर लिया है.

मायावती का केंद्र पर वार मायावती का केंद्र पर वार
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 17 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को जारी की गई नई मेट्रो रेल नीति को बसपा सुप्रीमो मायावती ने जन विरोधी करार दिया है. मायावता ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया कि सरकार अब मेट्रो को भी प्राइवेट हाथों में दे रही है, जिससे मेट्रो का निर्माण प्रभावित होंगे. मायावती ने कहा कि इससे कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ में चल रहे प्रोजेक्ट पर भी फर्क पड़ेगा.

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बता दें कि बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नई मेट्रो नीति को मंजूरी दी गई थी. बैठक में तय किया गया था कि देश में जल्द मेट्रो विस्तार के लिए इसमें निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. नई नीति में मेट्रो को 600 किमी. बढ़ाने का फैसला किया गया है, सरकार का लक्ष्य 20 लाख से अधिक आबादी वाले 20 शहरों में मेट्रो चलाने का है.

 

मायावती ने अपने प्रेस रिलीज में वार करते हुए कहा कि मेट्रो 2002 में शुरू हुई थी, तब से लेकर अब तक केंद्र सरकार इसमें राज्यों को मदद करती थी. लेकिन अब मोदी सरकार ने इससे खुद को अलग कर लिया है. मायावती ने आरोप लगाया कि अब मेट्रो का निर्माण बड़े कारोबारियों के हाथ में चला जाएगा, जिससे इसके विस्तार पर फर्क पड़ेगा.

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मायावती ने इसके अलावा यूपी में की गई किसानों की कर्ज माफी को अधूरा वादा बताया. उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज माफी का वादा किया गया था. लेकिन बाद में कहा गया कि सिर्फ 1 लाख तक के कर्ज माफ किए जाएंगे. ये कदम किसानों के साथ विश्वासघात को दिखाता है.

 

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