
कुछ दिनों पहले तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बसपा सुप्रीमो मायावती को बुआ कहते थे. लेकिन मायावती बार बार उनको बबुआ कह कर उनका मजाक उड़ा रही हैं. चुनाव की घोषणा से पहले अखिलेश लगातार अपनी परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण कर रहे हैं. बुधवार को भी उन्होंने लखनऊ के अपने घर पर बैठकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा की कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया. लेकिन मायावती को यह रास नहीं आ रहा है कि अखिलेश दनादन इस तरह से लोकार्पण और उद्घाटन करते जाएं.
मायावती ने कहा कि अगर बीएसपी की सरकार बनती है तो इन तमाम योजनाओं की जांच होगी. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जल्दबाजी में आधी अधूरी योजनाओं का लोकार्पण करके वाहवाही बटोरना चाहते हैं. अखिलेश लगातार ये दावा कर रहे हैं कि अगर उनकी पार्टी का कांग्रेस पर राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन हो जाता है तो वो लोग 300 से ज्यादा सीटें जीतेंगे.
अखिलेश ने गठबंधन की बात कर मान ली हार
लेकिन इस दावे को हवा-हवाई बताते हुए मायावती ने कहा की बबुआ का बयान बबुआ जैसा ही है. उत्तर प्रदेश और बिहार में बोलचाल की भाषा में बबुआ छोटे और भोले-भाले बच्चे को कहते हैं. मायावती ने कहा कि अगर अखिलेश यादव को अपने काम पर इतना भरोसा होता तो वह गठबंधन के लिए इस तरह से उतावले नहीं होते. उनका मानना है कि अखिलेश ने गठबंधन की बात करके पहले ही हार मान ली है.
मायावती को है वोट बैंक की चिंता
बात दरअसल यह है कि मायावती उत्तर प्रदेश के चुनाव में दलित और मुस्लिम वोट बैंक के गठजोड़ बनाने पर दांव लगा रही हैं. इसलिए उन्होंने बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. लेकिन अगर सचमुच कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हो जाता है तो मुस्लिम मतदाता बीएसपी से मुंह मोड़ सकता है. इसलिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की बात मायावती को चिंता में डाल रही है.