
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है और सभी सियासी दल चुनाव में जीत का दावा कर रहे हैं और इसके लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को बीजेपी ने मोर्चे में शामिल सभी दलों के साथ बैठक की. बैठक में बीजेपी हिस्सेदारी मोर्चा गठबंधन के घटक दलों के लिए संभावित 15 सीटों पर बिंदुवार चर्चा हुई.
इस बैठक में 9 छोटे दलों से हिस्सा लिया. इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश की भारतीय मानव समाज पार्टी, शोषित समाज पार्टी, भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी, भारतीय समता समाज पार्टी, मानवहित पार्टी, पृथ्वीराज जनशक्ति पार्टी और मुसहर आंदोलन मंच उर्फ गरीब पार्टी मोर्चे में शामिल हैं. बताया जा रहा है कि इस बैठक में अपना दल और निषाद पार्टी को ही तवज्जों दी गई है, जिसके कारण अन्य दल के सदस्य नाराज हो गए.
बैठक में लंबी बातचीत के बाद भी टिकट बंटवारे को लेकर बात न बन पाने के कारण भी बीजेपी के सहायक दलों ने नेताओं में नाराजगी देखने को मिली. सहायक दल के नेताओं ने कहा, बीजेपी सीटें घोषित करने में जितना विलंब करेगी, उसकी मुश्किलें उतनी ही बढ़ेंगी. बैठक को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा की हम गठबंधन के दलों को उनकी मांग के अनुरूप सीटें देने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. इस संबंध में शीर्ष नेताओं और चयन समिति के पदाधिकारियों से वार्ता के बाद सीटें घोषित कर दी जाएंगी.
सहयोगी पार्टियों ने दी बीजेपी को मजबूती
उन्होंने कहा कि सीटें कम ज्यादा हो सकती हैं, लेकिन हम हिस्सेदारी मोर्चा को सीटें अवश्य देंगे. बीजेपी हिस्सेदारी मोर्चा गठबंधन के संयोजक और भारतीय मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवट रामधनी बिन्द ने कहा कि हमने गठबंधन करके बीजेपी को मजबूती दी है. बिन्द ने कहा कि अगर बीजेपी हिस्सेदारी मोर्चा के साथ चुनाव लड़ती है तो उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी. बीजेपी को हमारे कोटे की सीटें जल्द से जल्द घोषित करनी चाहिए.
अपने दम पर लड़ेंगे चुनाव
वहीं, बीजेपी से गठबंधन करने वाले दलों ने बैठक के बाद कहा कि बीजेपी हिस्सेदारी मोर्चा की हमारी मांगों के अनुरूप सहमत नही होती तो हिस्सेदारी मोर्चा 100 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का काम करेगी.