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यूपी के लोगों को जल्द मिलेगी एक और सौगात, गंगा एक्सप्रेस वे को पर्यावरण मंत्रालय से मिली मंजूरी

यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा और पूरी तरह प्रवेश नियंत्रित होगा जोकि मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (NH-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास (NH-19) पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
तनसीम हैदर
  • लखनऊ,
  • 21 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST
  • यूपी के लोगों को मिलेगी एक और एक्सप्रेस वे की सौगात
  • पर्यावरण मंत्रालय से गंगा एक्सप्रेस वे को मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश की आम जनता को अब जल्द ही एक और एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने वाली है. दरअसल यूपी में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय से  मंजूरी मिल गई है. इस मंजूरी के बाद टेंडर की प्रकिया होगी और फिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा और पूरी तरह प्रवेश नियंत्रित होगा जोकि मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (NH-334) पर  मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास (NH-19) पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा.

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उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 20 नवंबर 2021 को राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी के सचिव द्वारा पर्यावरण मंजूरी (EC) जारी कर दी गयी है.

पर्यावरण और वन मंत्रालय (भारत सरकार) की अधिसूचना-2006 के अंतर्गत प्रोजेक्ट के निर्माण से पहले पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक होता है. इसी अधिसूचना के तहत गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए मंजूरी ली गई है.

36230 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण

गंगा एक्सप्रेसवे के लिए टेंडर की प्रकिया पहले ही शुरू की जा चुकी है. टेंडर फाइनल होते ही एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल अनुमानित लागत  36230 करोड़ रुपये है. इस परियोजना के विकास हेतु पी.पी.पी. (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट और ट्रांसफर (डी.बी.एफ.ओ.टी) पैटर्न पर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं.

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12 जनपदों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे 06 लेन का होगा जिसे बाद में बढ़कर 08 लेन तक किया जा सकेगा. इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण पहले ही शुरू किया जा चुका है. अब तक लगभग 94 फीसदी जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है.

इस एक्सप्रेसवे परियोजना में लगभग 140 नदी/धारा/नहर/नाला, शामिल हैं. इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे पर 07 आरओबी, 17 इंटरचेंज, 14 मेजर ब्रिज, 126 माइनर ब्रिज, 28 फ्लाई ओवर, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 160 एसवीयूपी और 946 पुलियों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है.

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. अनुमान के मुताबिक  इस एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 12000 व्यक्तियों को अस्थायी रूप से नियोजित किया जाएगा जबकि टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 व्यक्तियों को स्थायी नौकरी मिलेगी.

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