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मिड डे मील केस: पत्रकार पर केस के बाद परिजनों ने किया स्कूल का बहिष्कार

गांव वालों का मानना है कि इस मामले में प्रशासन ने सरकार को खुश करने के लिए पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि को जबरन फंसाया गया है. उनके साथ जब तक न्याय नहीं होता तब तक बच्चों का अघोषित विरोध चलता रहेगा.

मिड डे मील मामले में पत्रकार पर केस दर्ज (फाइल फोटो) मिड डे मील मामले में पत्रकार पर केस दर्ज (फाइल फोटो)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 06 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

  • गांव वालों ने कहा कि न्याय मिलने तक चलेगा बच्चों का अघोषित विरोध
  • गांव वालों का आरोप पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि को जबरन फंसाया
  • मिड डे मील में नमक-रोटी परोसने पर विवाद

मिर्जापुर के जिस प्राथमिक स्कूल में बच्चों को नमक रोटी दिए जाने का मामला सामने आया था वहां पर गांव वालों के विरोध के बाद बच्चों ने स्कूल में जाना बंद कर दिया है. जानकारी के मुताबिक गुरुवार को प्राथमिक स्कूल सीहोर में केवल एक बच्चा पढ़ाई करने के लिए पहुंचा. जबकि इस स्कूल में 97 बच्चे पढ़ते हैं.

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जानकारी के मुताबिक गुरुवार को केवल सुखराम नाम का बच्चा ही पढ़ने के लिए स्कूल में आया. इस मामले में गांव वालों का कहना है कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल की गिरफ्तारी और पत्रकार पवन जयसवाल पर जिला प्रशासन की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे के विरोध में स्कूल का बहिष्कार किया गया है. हालांकि स्कूल में अध्यापक सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 1:00 बजे तक मौजूद रहे.

प्रशासन से नाराज ग्रामीण

स्कूल में बच्चे नहीं आए लेकिन मिड डे मील में दाल और रोटी भी हिसाब से बनी थी और एक बच्चे को खिलाई गई. नमक-रोटी की घटना के बाद स्कूल का किचन खाने पीने के सामान से भरा हुआ है.  स्कूल परिसर में ही नए टॉयलेट का निर्माण किया जा रहा है. किचन में सब्जियां भरी हुई हैं और स्कूल को पावर कनेक्शन भी मिल गया है. इसके बावजूद भी गांव वाले अभी भी प्रशासन की अनदेखी और गलत जांच से नाराज हैं.

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गांव वालों का मानना है कि इस मामले में प्रशासन ने सरकार को खुश करने के लिए पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि को जबरन फंसाया गया है. उनके साथ जब तक न्याय नहीं होता तब तक बच्चों का अघोषित विरोध चलता रहेगा. अभिवावकों का कहना है कि बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं जाएंगे. शिवपुर गांव के अभिभावक लगातार घटना के बाद से प्रशासन का विरोध कर रहे हैं और पत्रकार का समर्थन कर रहे हैं.

गांव वालों के अनुसार जिस पत्रकार ने सच्चाई का खुलासा किया उसके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करना बेहद निराशाजनक है. यह हकीकत है कि स्कूल में नमक रोटी तो खिलाई ही गई थी, इससे पहले नमक चावल भी खिलाया गया था. इस मामले में मिर्जापुर जिले के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उनका सिर्फ यही कहना है कि मामले में जांच चल रही है जांच के बाद ही साफ होगा कि आखिरकार यह मामला क्या है.

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