
उत्तर प्रदेश के विंध्यांचल में स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर पर 128 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का शिलान्यास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कर दिया है. शिलान्यास के बाद जल्द ही इस पर निर्माण कार्य की शुरुआत होगा. मगर यहां मंदिर के आसपास दुकान चलाने वाले और पुजारी कॉरिडोर में और तोड़फोड़ को लेकर आशंकित हैं.
मंदिर के ठीक बगल में फूल माला की दुकान चलाने वाले दिव्यांग बुद्धू बिंद को आशंका है कि जिस दुकान को वो चला रहे हैं, वो दुकान कभी भी सरकार ले सकती है. उनका दुकान के अलावा कोई सहारा नहीं जिसकी वजह से वो काफी परेशान हैं.
लोगों को चिंता- रोजगार का क्या होगा?
वहीं, विंध्य कॉरिडोर में दुकान जाने के बाद पास की दुकान पर नौकरी कर रहे युवक का कहना है कि कॉरिडोर से अभी तो दिक्कत हो रही है. आगे क्या होगा ये समय बताएगा. मगर हमारी दुकान टूट गयी. अब यहां नौकरी कर रहे हैं. पास की दुकान में ही फूल माला बेचने वाले राहुल का कहना है माला फूल वाले भले परेशान हों मगर यहां आने वाले यात्रियों का फायदा जरूर होगा. संकरी गलियों का विस्तार हो रहा है.
मंदिर का संचालन करने वाले पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक का कहना है कॉरिडोर की वजह से लोगों की रोजी-रोटी और रोजगार पर असर पड़ा है. सरकार को इन्हें मदद करनी चाहिए. तोड़फोड़ पर उन्होंने कहा कि अगर इससे आगे जमीन का अधिग्रहण का प्रयास होता है तो रोजगार बचाने के लिए कुछ भी करेंगे. मंदिर पर दर्शन-पूजन कराने वाले पुजारी रमाशंकर त्रिपाठी का कहना है कि कॉरिडोर में कितनों की दुकान चली गई. लोग परेशान हैं.
कुछ लोग इससे खुश भी हैं
हालांकि, मंदिर के पास कुछ दुकान चलाने वाले कॉरिडोर बनने से खुश भी हैं. मंदिर की सीढ़ियों के नीचे दुकान चलाने वाले युवक का कहना है कि इस कॉरिडोर के बनने से यहां के लोगो का फायदा होगा. कॉरिडोर के कारण यात्रियों की संख्या में 10 गुना बढ़ जाएगी, जिससे यहां के लोगो को फायदा होगा. हालांकि उन्हें अब और तोड़फोड़ नहीं होगी इसको लेकर भरोसा है. उनका कहना है कि लोग कह रहे हैं कि अभी 50 फीट जमीन और लेंगे मगर अब ऐसा नहीं होगा. वहीं, एक और दुकानदार का कहना है कि पहले लोग यहां आते थे और दर्शन करके चले जाते थे, लेकिन अब घूम रहे हैं, जिससे लोगों को ही फायदा होगा.