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2019 के लिए मिशन मोड पर संघ, UP की सियासी नब्ज टटोलने निकले भागवत

भागवत यूपी के राजनीतिक मूड को समझने और संघ की सक्रियता की थाह लेने में जुटे हैं. वो सूबे के तीन शहरों में बैठकों के जरिए पूरे यूपी को कवर रहे हैं.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत (फाइल फोटो) यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बीजेपी के लिए 2019 की सियासी जमीन तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है. ये बीड़ा खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उठाया है और अपने मिशन के पहले चरण में वो इन दिनों उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं.

भागवत यूपी के राजनीतिक मिजाज को समझने और संघ की सक्रियता की थाह लेने में जुटे हैं. वो सूबे के तीन शहरों में बड़ी बैठकें करेंगे जिनके जरिए पूरे यूपी को कवर किया जाएगा. इन बैठकों में आरएसएस के नेताओं,  स्वयंसेवकों के साथ-साथ बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा.

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पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के लिए काशी

संघ प्रमुख ने अपने दौरे का आगाज पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से किया है. पिछले तीन-चार दिन से वे वाराणसी में हैं और 21 फरवरी तक यहां लगातार संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं. वाराणसी में काशी, गोरक्ष और अवध प्रांत से आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों से जुड़े लोगों को बुलाया गया है. बता दें कि संघ की भाषा में गोरखपुर और उसके आसपास का इलाके को गोरक्ष, जबकि लखनऊ से सटे इलाके को अवध क्षेत्र कहा जाता है.

वाराणसी दौरे के आखिरी दिन काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भागवत हज़ारों स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे. इस दौरान सरसंघचालक के साथ भैयाजी जोशी और कृष्ण गोपाल भी रहेंगे. खास बात ये है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं. गौरतलब है कि 2014 के चुनाव से पहले भी वाराणसी में ऐसी ही बैठक हुई थी, जिसके बाद ही मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने पर मुहर लगी थी. माना जा रहा है कि 2019 की तैयारी के मकसद से भागवत फिर काशी क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवकों के साथ बैठकें कर रहे हैं.

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ब्रज, बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए आगरा

वाराणसी के बाद संघ प्रमुख की अगली बैठक आगरा और फिर मेरठ में होगी. 22 और 23 फरवरी को मोहन भागवत आगरा में रहेंगे. आगरा संघ का महत्वपूर्ण गढ़ माना जाता है. यहां भागवत संघ के ब्रज और बुंदेलखंड क्षेत्र के नेताओं और स्वयंसेवकों के साथ संवाद करेंगे. इन इलाकों से कुछ बीजेपी नेताओं को भी संघ प्रमुख की बैठक में बुलाया गया है.

पश्चिमी यूपी के लिए मेरठ

भागवत के दौरे की आखिरी बैठक पश्चिमी क्षेत्र की होगी, जो मेरठ में होगी. मेरठ से सटे मुरादाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, नोएडा, गाजियाबाद और बुलंदशहर समेत यूपी के 14 जिले और उत्तराखंड के कुछ इलाके इस क्षेत्र में आते हैं. मेरठ में 25 फरवरी को आरएसएस एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रहा है, जिसे संघ ने महासमागम का नाम दिया है. इस महासमागम में करीब ढाई लाख स्वयंसेवकों को बुलाया गया है. इसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत भी शामिल हो सकते हैं.

भागवत के फीडबैक पर शाह बनाएंगे रणनीति

मिशन 2019 के लिए भागवत घूम-घूम कर स्वयंसेवकों के मन की बात जानने की कोशिश में जुटे हैं. भागवत के सियासी मिजाज समझने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 2019 के मिशन की रूप-रेखा तैयार करेंगे. माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह होली के बाद यूपी का दौरा करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए संगठन मंत्री सुनील बंसल ने काम शुरू कर दिया है. सूबे की 80 लोकसभा सीट के लिए 20 मीटिंग पार्टी अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित हैं. यानी हर 4 लोकसभा सीट पर एक मीटिंग का प्लान है.

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