Advertisement

मॉब लिंचिंग पर बने कानून, लॉ कमीशन ने सीएम योगी से की सिफारिश

मणिपुर के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने भीड़ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने बुधवार को इसका पूरा खाका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 11 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 6:47 PM IST

मणिपुर के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने भीड़ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने बुधवार को इसका पूरा खाका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है. अगर प्रदेश में कानून बनाने पर सहमति बन जाती है तो ऐसा करने वाला यूपी देश का दूसरा राज्य होगा.

Advertisement

इससे पहले अभी तक सिर्फ मणिपुर में ही ऐसा कानून बनाया गया है. मध्य प्रदेश सरकार भी इसकी तैयारी कर रही है. उत्तर प्रदेश राज्य विधिक आयोग पिछले काफी वक्त से हिंसा रोकने के तरीकों पर रिसर्च कर रहा था. अपनी रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल, केरल, जम्मू व कश्मीर व झारखंड राज्यों में हाल में घटित भीड़ तंत्र की हिंसा अब यूपी में भी अपने पैर पसारने लगी है. इसकी रोकथाम जरूरी है.

आयोग का कहना है कि भीड़ हिंसा पुलिस की लापरवाही के कारण भी होती है. उन्मादी हिंसा की बढ़ती घटनाओं में पुलिस भी निशाने पर रहती है और पुलिस को जनता अपना शत्रु समझने लगती है. आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकार की घटनाएं न केवल गोवंश की कथित रक्षा को लेकर हो रही हैं, बल्कि चोरी, प्रेम प्रसंग, बच्चों की चोरी, रेप और कुछ अंधविश्वास जैसे भूत, प्रेत, चुड़ैल, तंत्र व मंत्र से भी संबंधित हैं. दरअसल भीड की हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की थी और राज्यों से कहा था कि वो इसे रोकने के रास्ते निकाले विधि आयोग की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी उन्मादी हिंसा पर चिंता व्यक्त की है.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्र व राज्य सरकारों को चार सप्ताह में इस मामले को पृथक अपराध मानते हुए दंड की व्यवस्था करने को कहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भीड़ हिंसा के दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कह चुके हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement