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Kashmir Files पर रोक नहीं लगी तो गुजरात फाइल्स और भागलपुर फाइल्स पर भी फिल्में बनेंगी, सपा सांसद का विरोध

सपा सांसद का कहना है कि इस फिल्म से 2 समुदायों के बीच विश्वास की कमी आ जाएगी. उन्होंने कहा कि समाज में फिल्म से नफरत फैल रही है, नारेबाजी हो रही है, एक-दूसरे के गिरेबान पकड़े जा रहे हैं. थियेटर के अंदर ये हाल है तो लोगों के दिमाग में जहर भर जाएगा.

समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन. -फाइल फोटो समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन. -फाइल फोटो
aajtak.in
  • मुरादाबाद,
  • 20 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST
  • सांसद ने कहा- कश्मीरी पंडितों का दर्द हमारे दिल में भी है
  • केंद्र सरकार से कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की मांग

मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने फिल्म 'The Kashmir Files' पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि इस फ़िल्म से दो समुदायों में नफरत भेदभाव पैदा हो रहे हैं, जिसके कारण देश के हालात बिगड़ सकते हैं. सपा सांसद का ये भी कहना है कि इस फिल्म में सच्चाई नहीं दिखाई गई है और सिनेमाघरों में अभी से लोगों में झगड़े शुरू हो गए है इसलिए इस फिल्म पर बैन लगना चाहिए.

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समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि अगर द कश्मीर फाइल्स पर रोक नहीं लगाई गई तो फिर देश में हुए तमाम दंगों पर फिल्में बनने लगेंगी. उन्होंने कहा कि गुजरात फाइल्स, मुरादाबाद फाइल्स, भागलपुर फाइल्स जैसी फिल्में बनने लगेंगी और उन्हें भी फिर इजाजत देनी पड़ेगी.

सांसद ने कहा- कश्मीरी पंडितों का दर्द हमारे दिल में भी है

सपा सांसद ने कहा कि कश्मीरी पंडितों का दर्द हमारे दिल में भी है. अपने देश में वो रिफ्यूजी हो गए, लेकिन इसको इतना हाईलाइट करना... वो तमाम चीजें हैं जो हमारी गंगा जमीन तहजीब को तोड़ने का काम करती है, नफरतों को बढ़ावा देने का काम करती है. जब इस फिल्म को मंजूरी दे दी गई तो कल को कोई मुरादाबाद के ऊपर भी बना सकता है, गुजरात पर भी बना सकता है, अहमदाबाद और भागलपुर पर भी बना सकता है, आखिर ये सिलसिला कब खत्म होगा?

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सपा सांसद ने केंद्र सरकार से कश्मीरी पंडितों के पुनर्स्थापना की मांग की

मुरादाबाद सांसद ने कहा कि दो बड़े समुदाय के बीच में अगर नफरत की सौदागरी शुरू हो जाएगी तो हिंदुस्तान कहां जाएगा? हमारे विश्वास में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि कश्मीरी पंडितों को जल्द से जल्द पुनर्स्थापित किया जाए, उनको उनके घरों तक जल्द पहुंचाया जाए. उनकी हिफाजत की जाए और ऐसी तमाम फिल्में जो नफरत पैदा करती हैं, उनपर बैन लगाया जाए. 

(रिपोर्ट- जगत गौतम)

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