Advertisement

आर्म्स लाइसेंस केस: Mukhtar Ansari की याचिका पर एक महीने में डिस्चार्ज अर्जी देने का आदेश

Mukhtar Ansari Arms License Case: मुख्तार अंसारी के वकील उपेन्द्र उपाध्याय ने दलील दी कि लाइसेंस डीएम द्वारा दिया जाता है. शस्त्र लाइसेंस सत्यापन के बाद दिया जाता है. इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है.

मुख्तार अंसारी (File Photo) मुख्तार अंसारी (File Photo)
पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 09 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:41 AM IST
  • जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने दिया आदेश
  • इस केस में मुख्तार अंसारी की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है

Mukhtar Ansari Arms License Case: उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के आर्म्स लाइसेंस से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आया है. कोर्ट ने इस मामले में एक महीने के अंदर डिस्चार्ज अर्जी देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसे दो महीने में नियमानुसार तय करने का भी निर्देश दिया है. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया है.

Advertisement

बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ अपराधियों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने का मामला चल रहा था. इस केस में मुख्तार अंसारी की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है. बुधवार को मुख्तार अंसारी की याचिका कोर्ट ने निस्तारित कर दी. याची मुख्तार अंसारी सदर मऊ से 1996 से मार्च 2022 तक विधायक रहा है. 

वर्ष 2001 में याची ने सह अभियुक्तों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने की संस्तुति की. उन्हें लाइसेंस दिया गया, उनके द्वारा अपराध में लिप्त होने पर एस एच ओ दक्षिण टोला ने एफ आई आर दर्ज कराई. जिसमें तत्कालीन एसएचओ और लेखपाल सहित 4 आरोपियों को आरोपित किया गया. इन्होंने अपने बयान में याची के भी लिप्त होने का खुलासा किया.

पुलिस ने याची और कैलाश सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. याची अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय का कहना था कि शस्त्र लाइसेंस डीएम द्वारा दिया जाता है. शस्त्र लाइसेंस सत्यापन के बाद दिया जाता है. इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है. याचिका में चार्जशीट पुनरीक्षण अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी.

Advertisement

बता दें कि हाल ही में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की खातिरदारी करने वाले डिप्टी जेलर सहित 5 पुलिस अधिकारियों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सस्पेंड कर दिया था. दरअसल, रात के समय बांदा मंडल कारागार में डीएम अनुराग पटेल और एसपी अभिनंदन भारी पुलिस बल के साथ औचक निरीक्षण को पहुंचे थे, उस दौरान उन्हें गेट बंद होने के चलते करीब 15 मिनट इंतजार करना पड़ा था. इससे उनका पारा चढ़ गया और उन्हें जेल में किसी आपत्तिजनक स्थिति की शंका हुई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement