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मुख्‍तार अंसारी, अतीक अहमद पर ED का शिकंजा, जांच में सामने आए 19 बैंक अकाउंट

मुख्‍तार अंसारी और अतीक अहमद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच ED कर रही है. अब तक की जांच में दोनों के 19 बैंक अकाउंट का पता चला है. इन दोनों पर एक बार मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत आरोप सिद्ध हो गए तो PMLA के तहत कार्रवाई होगी.

Mukhtar Ansari- Ateeq ahmad Mukhtar Ansari- Ateeq ahmad
मुनीष पांडे
  • नई दिल्‍ली,
  • 09 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST
  • ईडी कर रही है मनी लॉड्रिंग केस की जांच
  • मुख्‍तार बांदा जेल में, अतीक साबरमती जेल में है बंद

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बाहुबली विधायक मुख्‍तार अंसारी (Bahubali Mukhtar Ansari) और माफिया डॉन अतीक अहमद (Ateeq ahmad) पर अपना शिकंजा कसा है. दोनों के खिलाफ ED (Enforcement Directorate ) मनी लॉन्ड्रिंग केस  (Money laundering case) की जांच कर रही थी.

ED की जांच में दोनों के 19 बैंक अकाउंट का पता चला है, इनमें अतीक अहमद के 12 खाते हैं. जोकि उसके और उसके परिवार के नाम पर हैं. वहीं मुख्‍तारी अंसारी के 7 दूसरे खातों के बारे में पता चला है. 

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दरअसल, प्रवर्तन निदेशालालय इन खातों की से ये पता करने की कोशिश कर रहा है कि इनके पास कुल कितनी संपत्ति है. इसके बाद ED धनशोधन निवारण अधिनियम,2002 (Prevention of Money Laundering Act, 2002) के तहत इन दोनों की संपत्ति जब्‍त करेगी. अतीक अहमद की प्रयागराज में मौजूद कंपनी एफए एसोसिएट और लखनऊ में मौजूद इंफ्रास्‍टेट और इंफ्राग्रीन दोनों ही जांच के रडार में हैं. जांच में सामने आया है कि ये कंपनियां ब्‍लैक मनी को व्‍हाइट मनी में बदल देती थी.

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वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के लिए अतीक अहमद के बेटे उमर को भी बुलाया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ. पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्‍तार अंसारी और अतीक अहमद के खिलाफ कोर्ट की अनुमति लेकर मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच शुरू की है.

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अतीक अहमद जहां गुजरात की साबरमती जेल में जाकर पूछताछ की थी. वहीं मुख्‍तार अंसारी से बांदा की जेल में जाकर पूछताछ की गई थी. मुख्‍तार से पूछताछ 7 नवम्‍बर को बांदा जेल के अंदर करीब 6 घंटे तक हुई थी. जुलाई महीने में गाजीपुर की दो और लखनऊ में दर्ज एक एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने मुख्‍तार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. इसी के बाद मुख्‍तार से जेल के अंदर जाकर पूछताछ हुई.  

 

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