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अब UP में लॉक होगा मुख्तार, चुनावों में योगी सरकार के लिए ये फैसला कैसे होगा असरदार

बाहुबली मुख्तार अंसारी की यूपी जेल में वापसी ऐसे समय हो रही है जब सूबे में पंचायत चुनाव हो रहे हैं और अगले ही साल के शुरू में ही विधानसभा चुनाव होने हैं. यही वजह है कि योगी सरकार को भी मुख्तार की राज्य के जेल में वापसी मुफीद लग रही है, क्योंकि मुख्तार बाहुबली होने के साथ-साथ मुसलमान भी हैं.

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो) मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक/सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 01 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST
  • मुख्तार अंसारी को यूपी जेल में शिफ्ट किया जाएगा
  • बीएसपी सांसद अतुल राय ने मुख्तार से जान का खतरा बताया
  • मुख्तार की यूपी वापसी के राजनीतिक मायने

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पंजाब की जेल से वापस उत्तर प्रदेश लाने की कवायद शुरू हो गई है. मुख्तार अंसारी को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया जाना है. इसके बाद एमपी/एमएलए कोर्ट तय करेगी कि मुख्तार को किस जेल में रखा जाए? योगी सरकार को भी मुख्तार की राज्य के जेल में वापसी मुफीद लग रही है, क्योंकि मुख्तार बाहुबली होने के साथ-साथ मुसलमान भी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि मुख्तार अंसारी के वापस यूपी में आने का सूबे की राजनीति में कोई सियासी असर भी पड़ेगा. 

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मुख्तार अंसारी की यूपी जेल में वापसी ऐसे समय हो रही है जब सूबे में पंचायत चुनाव हो रहे हैं और अगले ही साल शुरू में ही विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी की योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. सुप्रीम कोर्ट से बाहुबली मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश लाने का आदेश मिलने के बाद से बीजेपी नेताओं के चेहेर पर खुशी दिख रही हैं, उन्हें अपना सियासी फायदा नजर आ रहा है. 

यूपी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी जैसे माफिया को प्रियंका गांधी और कैप्टन अमरिंदर की सरकार बचा रही थी. अब उन्हें यूपी लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा. नंबर वन माफिया को वापस लाया जा रहा है, जिसकी जेल में पूरी तैयारियां की जा रही हैं.

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सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सरकार किसी भी अपराधी को छूट नहीं देगी. उन्होंने कहा कि सपा सरकार में ही इन्हें पाला पोसा गया. इन्हें बड़ा बनाया गया, जो हमारे लिए सिरदर्द है. मुख्तार को कोर्ट में पेश किया गया है, यूपी लाया जाएगा. मुख्तार की सुरक्षा और स्वास्थ्य की जो बात है, उसे सरकार ध्यान देकर पूरा करेगी, लेकिन नंबर वन अपराधी को अब तक कांग्रेस और सपा बचा रही थी.

यूपी के बीजेपी प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की जनता ने साल 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिया था, उसका मुख्य कारण पिछली सरकारों में बढ़ा हुआ अपराधीकरण और भ्रष्टाचार था. ऐसे में हमारा संकल्प था कि हम उत्तर प्रदेश में अपराध को नियंत्रण करेंगे. योगी सरकार ने सूबे में अपराधियों पर पूरी शिंकजा कस दिया है. मुख्तार अंसारी जैसा अपराधी जिसकी दहशत गाजीपुर से गाजियाबाद तक थी, आज वह व्हीलचेयर पर आ गया है. 

वह कहते हैं कि सूबे की जनता ने भाजपा को जिस भरोसे और उम्मीद के साथ वोट दिया था, उस पर हमारी सरकार खरी उतरी हैं. जनता ने इसीलिए वोट दिया था ताकि अपराधी घुटनों पर आ जाएं और अपराध खत्म हो जाए. यूपी की योगी सरकार ने यह कर दिखाया है और आगे भी कानून व्यवस्था के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. मुख्तार की उत्तर प्रदेश में आने की घबराहट देखकर लोगों का एक बड़े माफिया के खिलाफ डर खत्म हो रहा है. मुख्तार से जुड़े बंद मामले भी खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. तमाम अदालतों और थानों में उनके मामले को खोलने के लिए आवेदन दिए जाने लगे हैं. 

वहीं, सपा के प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा कहते हैं कि मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट का आर्डर पर यूपी की जेल में शिफ्ट किया जा रहा है, उसमें किसी भी तरीके की राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करना चाहिए, यही हम सभी का धर्म और कर्तव्य है. हिंदुस्तान के संविधान में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सिर्फ प्रेसिडेंट से अपील करने की सिफारिश बचती है. वो जो करना चाहें कर लें. सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को सभी को पालन करना चाहिए. हालांकि, वो सियासी असर पर कोई टिप्पणी नहीं किए बस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कहते नजर आए. 

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मऊ संसदीय सीट से बसपा सांसद अतुल राय ने बसपा विधायक मुख़्तार अंसारी से अपनी जान का खतरा बताया. अतुल राय ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव गृह और DGP को पत्र लिखकर कहा कि नैनी जेल में मुख्तार के आने से मेरी जान होगा खतरा है. वाराणसी, सोनभद्र से लेकर मउ तक के कई मामलों को भी पत्र में किया उल्लेख किया है. हालांकि, अतुल राय को मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता रहा है, लेकिन अब उन्हीं से जान का खतरा लग रहा है. 

बता दें कि योगी सरकार मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल में शिफ्ट कराने को अपनी जीत के दौर पर देख रही हैं. अगले ही साल शुरू में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी को लगता है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ राज्य सरकार के सख्त कदम उठाने का फायदा होगा,  क्योंकि मुख्तार बाहुबली है, उसकी तमाम अपराधिक मामलों में लिप्तता है. ऐसे में योगी सरकार उनके खिलाफ शिकंजा कसकर एक राजनीतिक संदेश देने की कवायद करेगी ताकि पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी के सियासी असर को खत्म किया जा सके. 


 

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