
उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल (Mukul Goyal) को पद से हटाया गया है. जानकारी के मुताबिक पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि नहीं लेने के चलते डीजीपी पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है.
मुकुल गोयल इससे पहले काफी विवादों में भी रह चुके हैं. कुछ ऐसी घटनाएं घटित हुईं, जब उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठे. इसी कड़ी में साल 2000 में मुकुल गोयल को उस समय एसएसपी के पद से सस्पेंड कर दिया गया था. जब पूर्व बीजेपी विधायक निर्भय पाल शर्मा की हत्या हो गई थी. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2006 के कथित पुलिस भर्ती घोटाले में कुल 25 IPS अधिकारियों का नाम सामने आए थे. जिसमें मुकुल गोयल का नाम भी शामिल था.
मुकुल गोयल अब किसकी जगह लेगें?
बता दें कि डीजीपी के पद से हटाए जाने के बाद मुकुल गोयल के लिए डीजी सिविल डिफेंस का पद खाली कराया गया है. जबकि डीजी सिविल डिफेंस रहे विश्वजीत महापात्रा को डीजी को-आपरेटिव सेल बनाकर भेजा गया है. विश्वजीत महापात्रा के हटने के बाद डीजी सिविल डिफेंस का पद खाली हुआ है. मसलन, मुकुल गोयल अब डीजी सिविल डिफेंस का काम देखेंगे.
कौन हैं मुकुल गोयल?
मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अपने लंबे करियर में उन्होंने कई अहम पदों पर काम भी किया है और उन्हें उनके काम के लिए सम्मान भी मिला है. 22 फरवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मुकुल गोयल का जन्म हुआ था. आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल में बीटेक करने के साथ मुकुल गोयल ने मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री हासिल की थी. इसके अलावा फ्रेंच भाषा पर भी उनकी जबरदस्त पकड़ है.
1987 में आईपीएस बनने के बाद मुकुल गोयल की पहली तैनाती बतौर एडिशनल एसपी नैनीताल में हुई थी. प्रोबेशन पीरियड खत्म करने के बाद एसपी सिटी बरेली बनाए गए और बतौर कप्तान मुकुल गोयल का पहला जिला अल्मोड़ा रहा. अल्मोड़ा के बाद मुकुल गोयल लगातार कई जिलों में कप्तान रहे, जिसमें जालौन, मैनपुरी, आजमगढ़, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर, मेरठ शामिल रहें. वहीं ईओडब्ल्यू और विजिलेंस में भी उन्हें एसपी बनाया गया था. (इनपुट-संतोष)