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ट्रेन हादसा: रेलकर्मियों ने ही काटी थी पटरी, जोड़ने से पहले ही आ गई ट्रेन, ऑडियो वायरल

गेटमैन का कहना है कि पटरी पहले से टूटी पड़ी थी. मगर, उस पर सही से काम नहीं किया जा रहा था. वो बता रहा है कि जो पटरी काटी गई थी, उसे जोड़ा नहीं गया और ऐसे ही छोड़ दिया गया. इतना ही नहीं, वहां काम करने वाले कर्मचारी अपने मशीन भी वहीं छोड़कर चले गए.

खतौली ट्रेन हादसे में बड़ी लापरवाही खतौली ट्रेन हादसे में बड़ी लापरवाही
अरविंद ओझा
  • खतौली, यूपी,
  • 20 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

यूपी के खतौली में शनिवार शाम बड़ा रेल हादसा हुआ. ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए. हादसे के बाद शुरुआती जांच में सिस्टम की घोर लापरवाही सामने आ रही है. इस बीच हादसे से जुड़ा एक ऑडियो सामने आया है. इस ऑडियो क्लिप में घटनास्थल से कुछ दूरी पर तैनात गेटमैन और एक रेलवे कर्मचारी के बीच बातचीत की गई है.

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गेटमैन बता रहा है कि पटरी पहले से टूटी पड़ी थी. मगर, उस पर सही से काम नहीं किया जा रहा था. वो बता रहा है कि जो पटरी काटी गई थी, उसे जोड़ा नहीं गया और ऐसे ही छोड़ दिया गया. इतना ही नहीं, वहां काम करने वाले कर्मचारी अपने मशीन भी वहीं छोड़कर चले गए.

गेटमैन बता रहा है कि पटरी जोड़ी नहीं गई थी और ट्रेन के आने का वक्त हो गया.  ऐसे में सुरक्षा के लिए न कोई सिग्नल दिया गया और न ही लाल झंडा लगाया गया.

'काम नहीं करते कर्मचारी'

गेटमैन बातचीत में आगे बता रहा है कि पटरी पर काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी लापरवाही बरतते हैं. उसका आरोप है कि कर्मचारी साइट पर आते हैं और बैठे रहते हैं. इतना ही नहीं इस शख्स का ये भी कहना है कि हाल ही में यहां नए जेई की नियुक्ति हुई है और पुराने कर्मचारी उनकी बात नहीं मानते हैं और मनमानी करते हैं. ये भी कहा गया है  कि हादसे के बाद तुरंत ड्यूटी पर तैनात गैंगमैन, लोहार और जेई भाग गए और जेई ने अपना फोन बंद कर लिया.

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यानी जो लापरवाही की बात शुरुआती जांच में सामने आ रही थी, गेटमैन के इस ऑडियो क्लिप ने उसे और पुख्ता कर दिया है. हालांकि, इस ऑडियो क्लिप की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन इतना साफ हो गया है कि हादसे की जांच कर रहे अधिकारी भले ही अभी किसी नतीजे तक न पहुंच पाए हों, मगर ये ऑडियो रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही की गवाही दे रहा है.

बता दें कि जिस पटरी से कलिंग-उत्कल ट्रेन को गुजरना था, उस पर काम चल रहा था. ट्रेन को धीमी गति से गुजारने के आदेश थे, लेकिन सिग्नल गड़बड़ होने से ड्राइवर को सूचना नहीं मिली और ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चलती रही, जिस वजह से पटरी उखड़ गई.

पटरी से ज्यादातर ट्रेन के बीच के डिब्बे उतरे. इंजन और पहले 2 डिब्बे निकल चुके थे. इस दौरान ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक भी नहीं लगा सका, क्योंकि पूरा सिस्टम ऑटोमैटिक होता है. आगे और पीछे के डिब्बे नहीं पलटे, बीच के डिब्बे पलटे हैं. वहां जो काम कर रहे थे बाद में वो भी भाग गए.

 

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