
नोएडा के पार्क में नमाज रोकने पर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा को रुकवा दिया. प्रशासन का कहना है कि इसके लिए समुचित अनुमति नहीं ली गई थी.
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 37 में एक भूखंड पर श्रीमद्भागवत कथा के लिए टेंट, दरी, लाउडस्पीकर आदि का इंतजाम किया गया था. दोपहर में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारी दस्ते के साथ पहुंचे और टेंट उखाड़ दिया. उन्होंने तर्क दिया कि इस धार्मिक आयोजन के लिए जरूरी परमीशन नहीं ली गई है. इस कार्रवाई से नाराज महिलाएं वहां धरने पर बैठ गईं.
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि इस जमीन को सभी लोग धार्मिक आयोजन के लिए चंदे से खरीद रहे हैं. प्राधिकरण की तरफ से भी ये निश्चित कर दिया है कि ये जगह धार्मिक है. इसे खरीदने के लिए लोगों ने अब तक 25 लाख रुपए इकट्ठा कर लिया है. इसमें किसी ने 11 हजार, किसी ने 5 हजार तो किसी ने 1100 रुपए दिए हैं. इस जगह में पिछले नवदुर्गा में पंडाल लगाकर भागवत कथा का आयोजन कराया गया था. इस कथा के लिए पिछले 25 दिनों से प्रचार-प्रसार हो रहा था. कल शाम टेंट लगाया गया और आज सुबह 10 बजे यहां प्राधिकरण वालों ने आकर सबकुछ उखाड़ फेंक दिया.
प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी सचिन सिंह ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि उन्हें कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गयी है. यदि वे इसे फिर भी करते हैं तो यह गैर कानूनी होगा. वहीं स्थानीय पुलिस ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा की गई इस कार्रवाई से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
ग्रेटर नोएडा (प्रथम) के क्षेत्राधिकारी निशंक शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई प्राधिकरण अधिकारियों तथा प्राधिकरण से संबद्ध पुलिसकर्मियों ने की है. जिला पुलिस या स्थानीय कासना पुलिस थाने का कोई अधिकारी वहां नहीं था.
एक अधिकारी ने कहा कि सेक्टर का आरडब्ल्यूए इस कार्यक्रम के आयोजन में शामिल नहीं था तथा मुख्य आयोजक इस सेक्टर के बाहर का है. इस भूखंड से अतिक्रमण शाम 5 बजे तक खाली करा लिया गया और तब तक अधिकारी वहां खड़े रहे.
गौरतलब है कि हाल ही में नोएडा के सेक्टर 58 में पुलिस ने एक पार्क में नमाज पढ़ने पर रोक लगाते हुए 23 कंपनियों को नोटिस जारी किया था. इसमें कहा गया कि शुक्रवार को यहां नमाज नहीं पढ़ी जा सकती. इस पर खूब बवाल मचा. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि यदि इस नीति को लागू करना है तो इसे सभी जिलों और सभी धर्म के लोगों पर लागू किया जाना चाहिए. इस विवाद में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी भी कूद पड़े. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मी कांवड़ियों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाते हैं लेकिन सप्ताह में एक बार नमाज से शांति एवं भाईचारा बाधित होता है.