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योगी सरकार को सहयोगी अपना दल की चेतावनी, कहा- उचित सम्मान नहीं मिला तो सोचना पड़ेगा

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अब कुछ महीने बचे हैं, ऐसे में आम चुनावों से पहले केंद्र में सत्ताधारी एनडीए के सहयोगी दलों की नाराजगी बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.

अनुप्रिया पटेल, केंद्रीय मंत्री (फाइल फोटो) अनुप्रिया पटेल, केंद्रीय मंत्री (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मिर्जापुर,
  • 25 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों में विरोध के सुर तेज हो गए हैं. अभी बिहार में एनडीए के सहयोगियों में असंतोष पर काबू पाया ही गया था कि उत्तर प्रदेश और केंद्र में गठबंधन की अहम सहयोगी अपना दल-सोनेलाल ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने मंगलवार को दावा किया कि न केवल अपना दल बल्कि बीजेपी के भी कई विधायक, सांसद और मंत्री प्रदेश शासन से नाराज हैं.

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दरअसल अपना दल की नाराजगी इस बात को लेकर है कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को उत्तर प्रदेश में वो सम्मान नहीं मिलता जिसकी वे हकदार हैं. यहां तक की वाराणसी संसदीय क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों में भी अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाया जाता, जबकि यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और अनुप्रिया के संसदीय क्षेत्र से मिर्जापुर से सटा है. आशीष पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसी तरह सहयोगी दलों की प्रदेश भाजपा उपेक्षा करती रही तो सोचना पड़ेगा.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अगले चुनावों के बाद भी नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है लेकिन सहयोगियों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए. यह पूछने पर कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के हाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार पर पटेल ने कहा कि चुनावों में हार चिंताजनक है और बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को इस पर विचार करना चाहिए.

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इस सवाल के जवाब में कि क्या बीजेपी की हार के बाद 2019 में एनडीए कमजोर हो जाएगा, पटेल ने कहा ‘‘ऐसा नहीं है. हम 2014 में भी बीजेपी के साथ थे जब उनके दुर्दिन चल रहे थे.’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का भावी गठबंधन एक चुनौती है और उसका सामना करने के लिए एनडीए को अपना दल जैसे घटक दलों के साथ बैठकर विचार-विमर्श करना चाहिए.

यह पूछे जाने पर कि लोकसभा के चुनाव में अपना दल बंटवारे के तहत कितनी सीटों की अपेक्षा करता है, पटेल ने कहा कि ‘‘यह समय आने पर बताया जाएगा, लेकिन हमारी ताकत पहले से बढ़ी है. हम सम्मान के भूखे हैं.’’ दरअसल मंगलवार को सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज के उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को आमंत्रित न किए जाने पर अपना दल नेतृत्व खासा आहत है.

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