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'न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में होगा तैयार, एमओयू पर हुआ साइन

गौरतलब है कि गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों को मिलाकर ‘दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन’ बनाया जा रहा है. इस नए नवेले नोएडा के निर्माण में नोएडा के 20 गांव और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल हैं.

न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में होगा तैयार न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में होगा तैयार
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST
  • न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में होगा तैयार
  • महत्वाकांक्षी योजना पर लंबे समय से चल रहा काम

नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) और मास्टर प्लान तैयार करने वाली संस्था स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के बीच एमओयू पर साइन किया गया है. नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने बताया कि न्यू नोएडा का मास्टर प्लान और ऑपरेटिव मॉडल 10 महीने में बनकर तैयार होगा. ऐसे में अब इस योजना पर तेज गति से काम किया जा रहा है और जल्द ही जमीन पर भी इसका असर दिखने लगेगा.

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न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में होगा तैयार

गौरतलब है कि गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों को मिलाकर ‘दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन’ बनाया जा रहा है. इस नए नवेले नोएडा के निर्माण में नोएडा के 20 गांव और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल हैं. इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए आज नोएडा प्राधिकरण और मास्टर प्लान तैयार करने वाली संस्था स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के बीच एमओयू पर साइन हो गए हैं. नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि न्यू नोएडा का मास्टर प्लान और ऑपरेटिव मॉडल 10 महीने में बनकर तैयार होगा.

महत्वाकांक्षी योजना पर लंबे समय से चल रहा काम

नोएडा स्थित प्राधिकरण कार्यालय में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. सीईओ ऋतु महेश्वरी ने बताया कि उसके बाद एजेंसी इसे प्राधिकरण को सौंपेगी. दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा भारत सरकार की बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना को भारत और जापान ने मिलकर शुरू किया है. यह 7 राज्यों, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के इंदौर से होकर गुजरेगा. 

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करीब एक दशक पहले बुलंदशहर के इन तमाम गांव को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित कर दिया गया था. बाद में बुलंदशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण को तोड़ कर दो अलग-अलग प्राधिकरण बना दिए गए थे. जिसके चलते इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हटाकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में और खुर्जा विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया था.

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