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Uttar Pradesh: यूपी में मंत्रियों के लिए नया नियम, राज्य से बाहर जाने के लिए लेनी होगी सरकार से अनुमति

यूपी सरकार एक ओर जहां अपने मंत्रियों की सहूलियतें कम कर रही हैं, वहीं काम पूरा करने की समयसीमा भी तय कर रही है. सरकार ने अपने मंत्रियों के सामने विभाग का काम पूरा करने के लिए 100 दिनों का चैलेंज रख दिया है.

योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 30 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:37 PM IST
  • सीएम पद संभालते ही ऐक्शन मोड में योगी
  • अपने ही मंत्रियों के लिए बनाए कई सख्त नियम

यूपी के मुख्यमंत्री का पद दोबारा संभालते ही योगी आदित्यनाथ बेहद सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने नवनिर्वाचित सभी मंत्रियों के लिए एक नई व्यवस्था बनाई है. इसके तहत मंत्रियों को अब यूपी से बाहर जाने से पहले पार्टी और सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी. उन्हें बिना जानकारी दिए यूपी से बाहर की अनुमति नहीं दी जाएगी.

सरकार मंत्रियों की फिजूलखर्ची पर भी लगाम लगाने जा रही है. मंत्री अब मन मुताबिक बड़ी गाड़ियों, घरों और दफ्तरों में फर्नीचर या अन्य फिजूलखर्चे नहीं कर सकेंगे.

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100 दिन में देनी होगी काम की रिपोर्ट

नवनिर्वाचित मंत्रियों को उनके काम का टारगेट दे दिया. उन्होंने कहा कि 100 दिन के अंदर सभी मंत्रियों को अपने काम की स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी. मुख्यमंत्री जल्दी ही सभी मंत्रियों के विभाग की समीक्षा कर उन्हें बताएंगे कि वह 100 दिन में क्या करेंगे.

यह भी पढ़ें - योगी सरकार के नए मंत्रियों को मिला 100 दिनों का चैलेंज, गोल सेटिंग ही नहीं, कुछ को हासिल भी करना होगा

अब मंत्री ही पेश करेंगे कैबिनेट में प्रस्ताव

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने निर्देश दे दिया है कि कैबिनेट में पेश होने वाले प्रस्तावों को अब मंत्रियों को ही पेश करना होगा. विभागीय प्रमुख सचिव सिर्फ सहायता के लिए मौजूद रहेंगे.

सचिव स्तर के अफसर नहीं करेंगे ब्रीफिंग

कैबिनेट मीटिंग के अलावा मुख्यमंत्री की बैठकों में सिर्फ अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव ही विभाग की जानकारी देंगे. सचिव स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री के सामने ब्रीफिंग नहीं करेंगे.

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मंत्रियों को नहीं मिलेंगे पसंद के निजी सचिव

एक दिन पहले ही सीएम के निर्देश पर सचिवालय प्रशासन ने घोषणा की थी कि मंत्रियों को अब उनकी पसंद के निजी सचिव नहीं मिलेंगे. अब मंत्रियों को निजी सचिव देने के लिए अधिकारियों का एक पूल बनाया है. रोटेशन के हिसाब से ये निजी सचिव मंत्रियों और अधिकारियों को दिए जाएंगे. मंत्रियों और अफसरों के स्तर से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए यह बदलाव किए गए हैं.

 

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