
आगरा बस हादसे का मामला सोमवार को राज्यसभा में भी गूंजा. समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव ने मामला उठाया. इसका जवाब देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है. हमने प्रदेश सरकार से कार्रवाई करने के लिए कहा है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए सड़क हादसों में 2016 में 133, 2017 में 146 और 2018 में 111 लोग जान गंवा चुके हैं. मोटर वाहन संशोधन अधिनियम बहुत लंबे समय से संसद में लंबित है. यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में यूपी अभी भी शीर्ष पर है. नितिन गडकरी ने कहा कि मुद्दा यह है कि हर तीसरे ड्राइवर के पास फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस है लेकिन हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं. सरकार पांच साल से मोटर वाहन संशोधन बिल लेकर आ रही है लेकिन उसे पास नहीं किया जा रहा है. मेरी अपील है कि इस बिल को पास करने में सहयोग करें.
आगरा के एत्मादपुर के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर सोमवार को एक बस के 30 फुट गहरे झरना नाले में गिरने से उसमें सवार 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं. आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बबलू कुमार ने बताया कि लखनऊ से दिल्ली आ रही बस यमुना एक्सप्रेसवे पर रेलिंग तोड़ते हुए नाले में जा गिरी. इस हादसे में अभी तक एक बच्ची समेत 29 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जन भर से अधिक लोग घायल हो गए हैं. घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है.
एसएसपी ने बताया कि हो सकता है ड्राइवर की आंख लगने की वजह से हादसा हुआ है. फिलहाल बचाव अभियान लगभग पूरा हो चुका है. लोगों के सामान से मृतकों की शिनाख्त करने की कोशिश की जा रही है. आगरा के जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने भी बताया कि इस हादसे में 29 शवों को निकाला जा चुका है. उन्होंने बताया कि नाले में पानी होने की वजह से मरने वालों की संख्या ज्यादा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही इस भीषण सड़क हादसे का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को भी राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को मौके पर जाकर घटना की समीक्षा करने और अस्पताल जाकर घायलों से बात करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि घायलों को समुचित इलाज मुहैया कराया जाए.