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आखिर IAS ऋतु माहेश्वरी पर क्यों लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानें क्या है मामला

नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि हर रोज हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है, यह दिनचर्या हो गई है, हर रोज़ एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह क्या है?

नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी (फाइल फोटो) नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी (फाइल फोटो)
तनसीम हैदर
  • दिल्ली,
  • 09 मई 2022,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST
  • हाई कोर्ट ने ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ जारी किया है NBW
  • राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट गई थीं ऋतु माहेश्वरी, लगी फटकार

नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से गैर जमानती वारंट पर राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं ऋतु माहेश्वरी को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एनवी रमना ने कड़ी फटकार लगाते हुए राहत देने से इनकार कर दिया है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ अवमानना मामले में पेश नहीं होने पर गैर ज़मानती वारंट जारी किया था. माहेश्वरी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत की मांग की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते तो आपको इसका नतीजा झेलना होगा.

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ऋतु माहेश्वरी को लगी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप IAS अधिकारी हैं, आपको नियम पता है. CJI एनवी रमना ने कहा कि हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट आ जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हर रोज हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है, यह दिनचर्या हो गई है, हर रोज़ एक अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह क्या है?

क्या है पूरा मामला

नोएडा के सेक्टर 82 में प्राधिकरण ने 1989 और 1990 में अर्जेंसी क्लॉज के तहत भूमि का अधिग्रहण किया था, जिसके खिलाफ जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी. इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2016 में मनोरमा के पक्ष में फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने अर्जेंसी क्लॉज के तहत प्राधिकरण के द्वारा लिए गए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया और प्राधिकरण को आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता को सर्किल रेट से दोगुने दरों में मुआवजा दिया जाए.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया और इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करने का आदेश प्राधिकरण को कहा. आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को मुआवजा नहीं दिया गया.

फिर याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी को दो बार कोर्ट में बुलाया लेकिन वह नहीं पहुंच पाईं. शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ माहेश्वरी के वकील रविंद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि वह 10:30 बजे उड़ान भरेंगी.

इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें 10:00 बजे कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन जानबूझकर 10:30 बजे दिल्ली से फ्लाइट ले रही है, यह अदालत के अवमानना के दायरे में आता है. इसके बाद हाई कोर्ट ने ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस कस्टडी में अदालत के अंदर पेश होने का आदेश दिया.

 

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