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नोएडा: अस्पतालों में कारों को लगवाने का लालच दे हड़पे करोड़ों रुपये, महिला गिरफ्तार

दिल्ली से सटे नोएडा की थाना सेक्टर-58 पुलिस ने कंपनी खोलकर चार पहिया वाहनों का अस्पताल और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में किराए पर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का खुलासा किया. पुलिस ने इस गैंग के एक महिला सदस्य को गिरफ्तार किया.

कारों को अस्पतालों में लगवाने का देते थे लालच कारों को अस्पतालों में लगवाने का देते थे लालच
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 1:15 AM IST
  • कंपनी खोलकर करते थे धोखधाड़ी, महिला अरेस्ट
  • नोएडा पुलिस ने गैंग का किया खुलासा

दिल्ली से सटे नोएडा की थाना सेक्टर-58 पुलिस ने कंपनी खोलकर चार पहिया वाहनों का अस्पताल और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में किराए पर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का खुलासा किया. पुलिस ने इस गैंग के एक महिला सदस्य को गिरफ्तार किया. पुलिस को गिरफ्तार महिला के पास से नौ चार पहिया वाहन, 70 ग्राहकों के एग्रीमेंट और अन्य सामान बरामद हुआ है. पुलिस ने बताया कि इस गैंग ने ग्राहकों से अब तक करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है.

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पुलिस पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया बीते 5 अगस्त को थाना सेक्टर 58 पुलिस को इंदिरापुरम गाजियाबाद निवासी देवकांत शर्मा और योगेंद्र कुमार चौधरी ने शिकायत दी थी कि कारजीना मल्टी सर्विसेज लिमिटेड कंपनी ने अखबारों में विज्ञापन दिया था कि कार को अस्पताल और अन्य कंपनियों में लगाया जा सकता है. कार में इन्वेस्ट करने वाले को उसके बदले हर महीने पैसे दिए जाएंगे.

कंपनी में देवकांत शर्मा और योगेंद्र चौधरी ने डाउन पेमेंट जमा करा के दो इनोवा कार कंपनी को दे दी. दोनो कारों को निजी अस्पतालों में लगाया जाना था. हालांकि कुछ दिनों बाद दोनों पीड़ितो को पता चला कि कंपनी द्वारा कारों को किसी भी अस्पताल में नहीं लगाया गया है, बल्कि दोनों कारों को कंपनी के द्वारा सेक्टर 58 के किसी पार्किंग में छुपा दिया गया है. 

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दोनों ने खुद को ठगा हुआ महसूस कर कंपनी के एम डी मालिक कोले और अन्य के खिलाफ सेक्टर 58 थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. पुलिस ने बताया कि एमडी कोले को पुलिस ने जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो कोले ने बताया कि उसने अपने कुछ साथियों तरुण, सुधांशु, मृत्युंजय और अलका के साथ मिलकर तीन कंपनियां खोलीं और फिर लुभावने विज्ञापन निकलवाए.

आरोपियों ने 2.5 लाख रुपये अर्टिगा कार की डाउन पेमेंट और 4.5 लाख इनोवा कार के डाउन पेमेंट के रूप में लगभग 100 ग्रहकों से ले लिया. उसके बाद 20-25 ग्राहकों से डाउन पेमेंट जमा करा कर ग्रहकों के नाम पर कारों का फाइनेंस कराकर पार्किंग में खड़ा कर देते थे और बाकी मोटा पैसा लेकर रफू चक्कर हो जाते थे.

 

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