
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में गुरुवार मेट्रो अस्पताल में लगी आग से जुड़े मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मेट्रो अस्पताल में पानी बुझाने का यंत्र सिर्फ बेसमेंट में ही मौजूद था, जबकि ऊपरे मालों पर आग बुझाने की कोई सुविधा नहीं थी. साफ है कि जांच में अस्पताल की लापरवाही सामने आई थी. गुरुवार को जब अस्पताल में आग लगी थी, तब वहां कई मरीज भर्ती थे.
अस्पताल प्रशासन की जो कमियां सामने आई हैं, उसमें पता लगा है कि आग बुझाने के लिए जो स्प्रिंकलर होता है वह सिर्फ बेसमेंट में थे. ऊपर के फ्लोर पर स्प्रिंकलर्स की सुविधा नहीं थी. अग्निशमन अधिकारी के मुताबिक, आग बुझाने के जितने भी उपकरण अस्पताल में थे वह पर्याप्त नहीं थे. 2018 में स्प्रिंकलर ना होने के कारण फायर लाइसेंस को रिन्यू नहीं किया गया और अस्पताल को NOC नहीं मिली थी.
इसको लेकर अग्निशमन विभाग ने अस्पताल को नोटिस जारी किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था. अस्पताल में एक ही फ्लोर पर हाइड्रेंट था, जबकि एरिया के हिसाब से हर फ्लोर पर दो हाइड्रेंट होने चाहिए. एक फ्लोर पर थो फायर एग्जिट ही नहीं था.
फायर अधिकारी की मानें तो आग बुझाने का काम जिन हाइड्रेंट्स से किया जाता था वह पर्याप्त मात्रा में नहीं थे इन्हीं हाइड्रेंट से आग बुझाई जाती है जिसमें हॉर्स पाइप लगती है. अधिकारी के मुताबिक, फायर विभाग लिमिटेशन एक्ट के तहत अस्पताल को नोटिस जारी करेगा, अगर कमियां दूर नहीं हुईं तो मामला कोर्ट तक जा सकता है.
गौरतलब है कि गुरुवार को नोएडा के सेक्टर 12 में स्थित मेट्रो अस्पताल में आग लग गई थी. इस दौरान करीब 3 दर्जन मरीज फंस गए थे, जिन्हें कांच के शीशे तोड़कर बाहर निकाला गया. अस्पताल में पूरी तरह धुआं भर जाने के कारण मरीजों को काफी परेशानी हुई और जल्द ही उन्हें सेक्टर 11 में स्थित अस्पताल की अन्य ब्रांच में शिफ्ट किया गया.