
नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावरों को आज धमाका कर ढहा दिया जाएगा. एपेक्स टावर (32 मंजिला) और सियान (29 मंजिला) चंद सेकेंड में ताश के पत्ते की तरह गिरा दिए जाएंगे. विशेषज्ञों के अनुसार सुपरटेक के इन अवैध टावरों को सुरक्षित तरीके से गिराने के लिए दो ही विकल्प थे.
पहला कि विस्फोटक कर इन्हें कुछ सेकंड में गिरा दिया जाए, दूसरा कि तोड़ा जाए, जिसमें डेढ़ से दो साल का समय लगता. इसलिए इन्हें गिराने के लिए एडफिस इंजीनियरिंग वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक (waterfall implosion techniques) का इस्तेमाल किया जाएगा. विस्फोट के समय टावर ऐसे गिरेंगे जैसे वॉटरफॉल गिरता हो. इसमें विस्फोट के साथ पूरी बिल्डिंग ताश के पत्ते की तरह नीचे आ जाएगी. इसके बाद दो टीमें मौके पर जाकर जांच करेंगी.
इसलिए अपनाई जा रही यह तकनीक
- 'डायमंड कटर' तकनीक से इमारत को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगभग दो साल का समय लगता जिसकी लागत वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक की तुलना में पांच गुना होती.
- एडफिस के एक पार्टनर उत्कर्ष मेहता के मुताबिक इस तकनीक के जरिए हर पिलर, दीवार और बीम को ऊपर से नीचे तक क्रेन की मदद से काटकर अलग किया जा सकता है."
- अगर रोबोटिक्स तकनीक से टावर को गिराते तो इसमें करीब डेढ़ से दो साल लग जाता. साथ ही इस काम में काफी शोर भी होता, जिससे एमराल्ड कोर्ट और एटीएस गांव के निवासियों को असुविधा होती.
- उत्कर्ष मेहता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को परेशान किए बिना ट्विन टावरों को जल्द से जल्द ध्वस्त करने का आदेश दिया था, इसलिए वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक को चुना गया.
15 एंटी स्मोकिंग गन रहेंगी तैनात
ध्वस्तीकरण के बाद प्रभावित क्षेत्र की सड़कों व आस पास की सोसायटी में लगभग 100 वॉटर टैंकर, 15 एंटी स्मोकिंग गन, 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, लगभग 200 सफाई कर्मचारी और लगभग 20 ट्रैक्टर-ट्रॉली तैनात रखने के आदेश दिया गया है.
बच्चों-बुजुर्गों से मास्क लगाने की अपील
ट्विन टावर के आस-पास के आवासीय क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों, बुजुर्गों, अस्वस्थ, अस्थमा या अन्य रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को एतिहातन दोपहर 2:30 बजे आवश्यकता अनुसार कुछ घंटों तक मास्क पहनने की सलाह दी गई है. इसके अलावा अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक ब्लास्ट से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
टावर को गिराने में 17.55 करोड होंगे खर्च
सुपरटेक के इन ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च आने का अनुमान है. टावर्स को गिराने का ये खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी. इन दोनों टावरों में अभी कुल 950 फ्लैट्स बने हैं और इन्हें बनाने में सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
वहीं रियल एस्टेट जानकारों की मानें तो जिस इलाके में ये टावर्स बने हैं, वहां प्रॉपर्टी की वैल्यू के हिसाब से इन दोनों टावर्स की वैल्यू (Supertech Twin Towers Value) 1000 करोड़ रुपये के पार निकल जाती है. अगर कानूनी मुकदमेबाजियों के चलते इस वैल्यू पर थोड़ा बहुत असर पड़ा भी होगा तो इनकी मौजूदा वैल्यू 700 से 800 करोड़ है. हालांकि कुछ ही घंटों बाद ये वैल्यू धूल भर रह जाएगी.