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लखनऊ की बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी का माहौल पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है. छात्र धरने पर बैठे गए हैं. उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी में आरक्षण खत्म किया जा रहा है. वहीं यूनिवर्सिटी में दूसरा बवाल मीट खाने को लेकर है.
राइट टू फूड यानी पसंद के खाने के अधिकार को लेकर यूनिवर्सिटी के छात्रों और वाइस चांसलर के बीच ठन गई है. वीसी आरसी सोबती ने एक मौखिक फरमान जारी करके यूनिवर्सिटी के मेस में मांसाहारी खाना खाने पर रोक लगा दी है.
छात्रों ने बताया तुगलकी फरमान
वाइस चांसलर के इस फरमान का यूनिवर्सिटी के छात्र अब भारी विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि ये आदेश तुगलकी है क्योंकि कॉलेज में देश भर के अलग अलग राज्यों और धर्म के छात्र हैं और उनमें से कई
मांसाहारी हैं तो ऐसे में नॉनवेज पर रोक कैसे लगाई जा सकती है.
छात्र बनाएं नॉनवेज पर सहमति: VC
नॉनवेज खाना बैन करने पर वीसी सोबती का कहना है कि उन्होंने ऑफिशियली कुछ नहीं दिया. उन्होंने कहा, 'कुछ बच्चों ने आपस में मिलकर बात कर ली. मैंने कोई ऑर्डर नहीं दिया है. मेस में कोई ऐसा ऑर्डर नहीं है.
कुछ बच्चों ने कहा था बर्तन में खाना बनाने पर आपात्ति जताई है क्योंकि एक ही बर्तन है जिसमे नॉनवेज और वेज दोनों खाया जाता है. इसलिए बच्चों की सहमति तक रोक लगी है. आपस में बच्चे सहमति बना लें तो
मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान: VC
आरक्षण के मामले पर सोबती का कहना है कि इस यूनिवर्सिटी में पार्लियामेंट एक्ट के तहत 50 प्रतिशत का प्रावधान है, पर कुछ लोग कोर्ट गए हैं. जो लोग कोर्ट गए हैं, उनको हम रोक नहीं सकते. मैंने रजिस्ट्रार को
कहा है कि एक्ट को प्रोटेक्ट किया जाए और हम करंगे.