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ओम प्रकाश राजभर बोले- OBC आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटे सरकार

यूपी सरकार के खिलाफ मुखर होने के सवाल पर राजभर ने कहा कि बीजेपी के सांसद-विधायक ही अपनी सरकारों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने से पहले बीजेपी सरकार को अपनी पार्टी के आंदोलित नेताओं के बारे में पहले सोचना चाहिए. बहराइच में बीजेपी की सांसद साबित्री बाई फूले लगातार अपनी पार्टी लाइन से इतर बोल रही हैं.

ओम प्रकाश राजभर ओम प्रकाश राजभर
शिवेंद्र श्रीवास्तव/वरुण शैलेश
  • वाराणसी,
  • 15 मई 2018,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और भारतीय समाज पार्टी (सुहेलदेव) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि योगी सरकार पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण को तीन हिस्सों में बांट दे.

यूपी सरकार के खिलाफ मुखर होने के सवाल पर राजभर ने कहा कि बीजेपी के सांसद-विधायक ही अपनी सरकारों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने से पहले बीजेपी सरकार को अपनी पार्टी के आंदोलित नेताओं के बारे में पहले सोचना चाहिए. बहराइच में बीजेपी की सांसद साबित्री बाई फूले लगातार अपनी पार्टी लाइन से इतर बोल रही हैं.

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वाराणसी में राजभर ने कहा कि वह हमेशा से दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे. इसके लिए उन्हें किसी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है तो उन्हें इसकी परवाह नहीं है. बेतुकी बयानबाजी के सवाल पर योगी के मंत्री ने कहा, पिछड़ों के लिए हमेशा लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे. उनकी कोई मांग नहीं है. न वह सड़क का ठेका मांग रहे हैं और न ही बालू का पट्टा मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, उनकी मांग है कि पिछड़ों के आरक्षण को तीन भाग में बांटकर पिछड़ा, अतिपिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा बना दिया जाए.

 

आंदोलन से बीजेपी के डरने के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा, बीजेपी बड़ी पार्टी है, मेरी छोटी पार्टी है. बीजेपी अपना काम कर रही है. मैं अपना. हम हिस्सेदारी की बात करते हैं. पिछड़ों और दलितों को हिस्सेदारी मिले. उन्होंने साफ कर दिया कि वे भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसलिए वे पहले अपनी पार्टी के बारे में सोचेंगे, उसके बाद सरकार के बारे में सोचेंगे.

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राजभर कहा, हम अपनी बात किस फोरम पर कहें. सावित्री बाई फूले से पूछिए कि वे क्यों बगावत पर उतर आई हैं? वे तो उनकी पार्टी की नहीं हैं. सावित्री बाई फूले की ओर से दलितों और पिछड़ों के मुद्दे को लेकर लोकतंत्र खतरे में पड़ने के सवाल पर कहा कि अब उनको अहसास हो रहा है.

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