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Omicron Risk: वाराणसी के बाजारों की रौनक डरा रही है! ये तस्वीरें हैं सबूत

जमीन पर इसका असर कम से कम वाराणसी में तो नहीं दिखाई पड़ रहा है. वाराणसी के बाजारों में लोग बगैर मास्क और बगैर सोशल डिस्टेंसिंग के लापरवाही से घूमते दिखाई पड़ रहे हैं. इतना ही नहीं अभी BHU के जीन वैज्ञानिक ने साफ तौर पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर चेताया भी है.

वाराणसी के बाजारों की रौनक डरा रही है वाराणसी के बाजारों की रौनक डरा रही है
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 25 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST
  • ओमिक्रॉन संकट के बीच वाराणसी के बाजारों में भारी भीड़
  • ना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, ना चेहरों पर मास्क

कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के बाद एक बार फिर देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट पैर पसार रहा है. यूपी की योगी सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर मास्क को आनिवार्य तो कर ही दिया है. साथ ही बगैर मास्क के प्रतिष्ठानों में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है. लेकिन जमीन पर इसका असर कम से कम वाराणसी में तो नहीं दिखाई पड़ रहा है. वाराणसी के बाजारों में लोग बगैर मास्क और बगैर सोशल डिस्टेंसिंग के लापरवाही से घूमते दिखाई पड़ रहे हैं. इतना ही नहीं अभी BHU के जीन वैज्ञानिक ने साफ तौर पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर चेताया भी है.

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वाराणसी के बाजारों से भीड़ की तस्वीरें

कहते हैं कि दूध का जला छांछ भी फूंककर पीता है, लेकिन वाराणसी की जनता कम से कम इस कहावत से इसलिए इत्तेफाक नहीं रखती क्योंकि इसका असर वाराणसी के बाजारों में साफ देखा जा सकता है. जिस बाजार में क्षमता से आधी भीड़ होनी चाहिए और एक दूसरे से दो फीट की दूरी, वहां कोई भी नियम के दायरे में नहीं है. कोविड प्रोटोकॉल तो दूर लोग सट-सटकर सेल्फी और फोटो लेते हुए दिख रहे हैं.

वहीं BHU के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि ओमिक्रॉन ज्यादा इफेक्टिव है. जिससे बचने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का जरूर पालन होना चाहिए और किसी भी पब्लिक प्लेस पर मास्क जरूर लगाएं. मास्क के इस्तेमाल से ही बचाव किया जा सकता है. इसके अलावा जो वैक्सीनेट नहीं हुए हैं, उन्हें भी वैक्सीन लगवाने की जरूरत है क्योंकि कोरोना वायरस बगैर वैक्सीन वाले शख्स या एड्स के मरीज के शरीर में लंबे समय तक रह सकता है. 

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एक्सपर्ट ने जारी की चेतावनी

उन्होंने आगे बताया कि अफ्रीका में इंफेक्शन के बावजूद डेथ रेट कम रहा. लेकिन जेनेटिक डिफरेंस पर इसका क्या असर पड़ेगा? ऐसे लोग जो डेल्टा वैरिएंट से ठीक हो चुके हैं और वैक्सीन लगवा लें तो हाइब्रिड इम्यूनिटी या सुपर ह्यूमन तरह की इम्यूनिटी बनेगी. फिलहाल भारत में ओमिक्रॉन का कम प्रभाव पड़ना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि ओमिक्रॉन सबसे पहले साउथ अफ्रीका में डिटेक्ट किया गया और इसमें कुल 53 म्यूटेशन हैं. अभी तक के आंकड़ों से पता चला है कि यह डेल्टा वैरिएंट से भी काफी हाई है. लेकिन इसकी गंभीरता काफी कम है. उनके मुताबिक इस वैरिएंट का बच्चों पर भी खास प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.

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