Advertisement

कानपुर: कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी चुनाव में नहीं कटी ड्यूटी, केंद्र पर बिगड़ी तबीयत, हुई मौत

नीरज अधिकारियों से कहते रहे कि उनकी चुनाव ड्यूटी न लगाई जाए क्योंकि उनकी तबीयत ख़राब है, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और नीरज को चुनाव प्रशिक्षण में भेज दिया. जिसका नतीजा ये हुआ कि नीरज की चुनाव ड्यूटी में तबीयत बिगड़ गयी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 03 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST

उत्तर प्रदेश में हाल ही में पंचायत चुनाव पूर्ण हुए हैं जिसके बाद सोमवार को उसके नतीजे आना भी शुरू हो चुके हैं. इसी बीच ऐसी खबरें भी हैं जिसमें कई ऐसे शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई, जो चुनाव में ड्यूटी करने के लिए गए थे. इसी में यूपी के कानपुर में एक शिक्षक कोरोना के लक्षण को देखते हुए अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए उच्चअधिकारियों से गुहार लगाता रहा, लेकिन अधिकारियों ने एक ना सुनी. बल्कि शिक्षक से कोरोना रिपोर्ट की मांग करते रहे. ऐसे में फरियादी शिक्षक की मौत हो गयी.   

Advertisement

शिक्षक के परिजनों ने बताया नीरज बहराइच में सरकारी टीचर थे. उनकी पहले से तबीयत ख़राब थी. उनकी पत्नी का भी ऑपरेशन हुआ था. जिसकी पीजीआई में डेट थी, लेकिन अधिकारियों ने नीरज की चुनाव में ड्यूटी लगा दी. जबकि नीरज अधिकारियों से कहते रहे कि उनकी चुनाव ड्यूटी न लगाई जाए क्योंकि उनकी तबीयत ख़राब है, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और नीरज को चुनाव प्रशिक्षण में भेज दिया. जिसका नतीजा ये हुआ कि नीरज की चुनाव ड्यूटी में तबीयत बिगड़ गयी.
 
नीरज ने कोरोना के दौरान ही बहराइच में चुनाव ड्यूटी की जहां उनकी तबीयत ज्यादा ख़राब हो गई. उनको कानपुर में जबतक भर्ती कराया गया उनकी हालत और भी ज्यादा ख़राब हो गई. जिसके बाद रविवार को उनकी मौत हो गयी. वहीं परिजनों का कहना है कि व्यवस्था की खामी से नीरज की जान गई है इसलिए प्रशासन अब उसकी पत्नी को आश्रित नौकरी दे और पचास लाख का मुआवजा भी दे. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement