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Noida: एक हजार से ज्यादा CCTV, 84 क्राॅसिंग पर नजर...इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम से पकड़े जाएंगे नियम तोड़ने वाले

इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम चालू होने के साथ नोएडा और सुरक्षित और स्मार्ट सिटी बनने की ओर चल पड़ा है. कमांड और कंट्रोल रूम से 1065 सीसीटीवी कैमरों से 84 क्रॉसिंग पर नजर रखी जा रही है. जिससे नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा कसना आसान हो जाएगा.

नोएडा इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम नोएडा इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम
भूपेन्द्र चौधरी
  • नोएडा,
  • 16 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST
  • कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरों से क्रॉसिंग पर रखी जा रही है नजर
  • कमांड और कंट्रोल रूम सेंटर सेक्टर-94 में बनाया गया

नोएडा प्राधिकरण की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से निगरानी को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाई गई महत्वाकांक्षी परियोजना पूरी हो गई है.  इसकी जानकारी नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने ट्वीट कर दी है. उन्होंने लिखा है कि इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम चालू होने के साथ 1065 सीसीटीवी कैमरों की मदद से नोएडा के 84 क्रॉसिंग पर नजर रखी जा रही है. जिससे नोएडा सुरक्षित और स्मार्ट सिटी बन गया है.

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नोएडा प्राधिकरण ने ट्रैफिक जाम से लोगों निजात दिलाने के लिए 84 चौराहों पर 1,065 सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखने के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना बनाई थी. इसके लिए 88.4 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था.  एक निजी एजेंसी को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने का काम सौंपा था. इसका कमांड और कंट्रोल रूम सेंटर सेक्टर-94 में बनाया गया था. इस कंट्रोल रूम से चौबीसों घंटे पुलिसकर्मियों द्वारा निगरानी की जा रही है.

 

इस परियोजना के तहत 40 व्यस्त क्रॉसिंग पर एक अनुकूल ट्रैफिक लाइट नियंत्रण सिस्टम लगाया गया है. 18 स्थानों पर स्पीड डिटेक्शन सिस्टम और शहर में 22 प्वाइंट पर ट्रैफिक एडवाइजरी और अलर्ट प्रसारित करने के लिए वेरिएबल मैसेज साइन बोर्ड लगाए गये हैं. इसके अलावा, इसमें स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली, लाल बत्ती उल्लंघन पहचान प्रणाली, कैमरे से निगरानी और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली भी शामिल है. इन सिस्टम को रणनीतिक रूप से मुख्य प्रवेश, निकास बिंदुओं और हाई स्पीड वाले प्वाइंट्स पर लगाया गया है. प्राधिकरण के इंचार्ज ऑफ ट्रैफिक सेल एससी मिश्रा का कहना कि, “स्पीड कम करने, ट्रैफिक की स्थिति में सुधार और सुरक्षा बढ़ाने के अलावा, परियोजना के तहत उपलब्ध सुविधाओं से वाहनों चोरी में भी कमी आएगी. नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम पुलिस कंट्रोल रूम को चोरी के वाहन की लोकेशन के बारे में अलर्ट करेगा. अधिकारियों ने कहा कि इस प्रणाली को ई-चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा. जिसके माध्यम से यातायात उल्लंघनकर्ताओं की पहचान की जाएगी और नियम तोड़ने के कुछ ही मिनटों के भीतर उन्हें दंडित किया जाएगा. एजेंसी इसे स्थापित करने के बाद अब पांच साल की अवधि के लिए सिस्टम का संचालन और रखरखाव भी करेगी.

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