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सरकारी दावों के बीच लखनऊ के अस्पताल ने लगाया ऑक्सीजन खत्म का नोटिस

ताजा मामला लखनऊ के सिप्स अस्पताल का है जहां पर ऐसा ही एक नोटिस लगाया गया और कहा गया कि ऑक्सीजन की भारी कमी है. इसके अलावा डॉक्टर आर के मिश्रा की तरफ से एक ट्वीट भी किया गया जहां पर उन्होंने मुरारी गैंस एजेंसी को काफी कुछ सुनाया.

लखनऊ के अस्पताल ने लगाया ऑक्सीजन खत्म का नोटिस लखनऊ के अस्पताल ने लगाया ऑक्सीजन खत्म का नोटिस
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 28 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST
  • लखनऊ के अस्पताल ने लगाया ऑक्सीजन खत्म का नोटिस
  • अस्पताल ने बताया, गैस एजेंसी के बाहर खड़ी रही गाड़ी
  • गैस एजेंसी का दावा, प्रेशर बनाया जा रहा है

कोरोना काल में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ जरूर जोर देकर कह रहे हैं कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन अस्पताल में मरीजों को एडमिट करवाने के लिए भटक रहे परिजन कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं. राज्य के बड़े-बड़े अस्पताल इस समय ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे हैं. कई जगह तो ऑक्सीजन खत्म के नोटिस लगा दिए जा रहे हैं.

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लखनऊ के अस्पताल ने लगाया ऑक्सीजन खत्म का नोटिस

ताजा मामला लखनऊ के सिप्स अस्पताल का है जहां पर ऐसा ही एक नोटिस लगाया गया और कहा गया कि ऑक्सीजन की भारी कमी है. नोटिस में लिखा गया था कि आप सब को सूचित किया जाता है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो जाने एवं सरकार की तरफ से ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने के कारण हम कोविड के नए मरीजों को भर्ती करने में असक्षम हैं. अस्पताल के बाहर ये नोटिस तो लगाया ही गया, इसके अलावा डॉक्टर आर के मिश्रा की तरफ से एक ट्वीट भी किया गया जहां पर उन्होंने मुरारी गैंस एजेंसी को काफी कुछ सुनाया. दावा किया गया कि 8 घंटे तक अस्पताल की एक गाड़ी उनकी एजेंसी के बाहर खड़ी रही, लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिली.

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ऑक्सीजन सप्लाई करने वालों को क्या दिक्कत आ रही है?

अब रात एक बजे सिप्स अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई तो कर दी गई, लेकिन प्रशासन के दावों पर कई तरह के सवाल खड़े हो गए. वहीं सवाल तो उस मुरारी गैंस एजेंसी पर भी खड़े हुए जहां पर एक अस्पताल को घंटो ऑक्सीजन के लिए इंतजार करना पड़ा. अब इस बारे में जब आजतक ने मुरारी गैस एजेंसी के मैनेजर अभिषेक से बात की तो उन्होंने अपना पहलू समझाते हुए कहा कि सरकार के पास ऑक्सीजन प्रोवाइड करने के लिए पूरी कैपेसिटी नहीं है. लखनऊ में मुरारी गैस प्लांट, तारन गैस प्लांट, आरके गैस एजेंसी, अवध गैस प्लांट, केटी गैस प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन होने की वजह से वह हॉस्पिटल्स में सप्लाई करते हैं लेकिन यह सभी गैस प्लांट मिलकर भी लखनऊ की ऑक्सीजन सप्लाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से लगातार दिक्कतें आ रही हैं.

नोटिस के जरिए दवाब बनाया जा रहा है?

वहीं मुरारी गैंस एजेंसी के मैनेजर ने ये भी बताया कि उन पर काफी दवाब बनाया जाता है. अस्पतालों के बाहर नोटिस लगा उन्हें प्रेशर में डाला जाता है. उनकी नजरों में उन्हें कई अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई करनी होती है, ऐसे में उन्हें देखना पड़ता है कि किसे कितनी ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. लेकिन इन नोटिस की वजह से उन्हें किसी दूसरे अस्पताल की ऑक्सीजन सप्लाई कम करनी पड़ जाती है.

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वैसे ये पहला मामला नहीं है जब अस्पताल की तरफ से हाथ खड़े कर दिए गए हों और उन्होंने एक नोटिस लगा दिया हो. कुछ दिन पहले टीएस मिश्रा अस्पताल में भी ऑक्सीजन संकट देखने को मिला था और गेट पर ऑक्सीजन खत्म का नोटिस लगा दिया गया. उस नोटिस के बाद ही उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई दी गई. राज्य के कई दूसरे अस्पतालों से भी ऐसी खबरें सुनने-देखने को मिल रही हैं, लेकिन सरकारी दावे अभी भी कायम हैं और मरीज भी दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं.
 

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