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संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. सोमवार को करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कल्वी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. उन्हें उम्मीद थी कि सरकार फिल्म पद्मावत को लेकर करणी सेना के साथ होगी. क्योंकि योगी आदित्यनाथ ने ही सबसे पहले फिल्म के विरोध मे बयान दिया था. लेकिन करणी सेना के साथ चली आधे घंटे मीटिंग मे ये साफ हो गया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसी भी तरह से करणी सेना के साथ रहने वाली नहीं है.
हालांकि मुलाकात के बाद करणी सेना ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कहा कि सीएम योगी ने मामले को बेहद संवेदनशील माना है. उनका मोरल सपोर्ट हमारे साथ है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने फिल्म बैन से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अब फिल्म पूरे देश में अपनी तय तारीख 25 जनवरी को रिलीज होगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने कहा कि हम अपनी बात को लेकर जनता की अदालत के बीच में जाएंगे.
सिनेमा मालिकों और जनता से करेंगे मनुहार
करणी सेना पहले तो राजस्थान के गौरवमयी इतिहास के बारे मे बात करती रही लेकिन इशारों मे बताया कि वो किसी भी सूरत मे फिल्म को नहीं चलने देंगे. हिंसा की बात पर उन्होंने इंकार किया. साथ ही कहा कि राजस्थान की परम्परा मनुहार की है इसलिए वो सिनेमा मालिकों से मनुहार करेंगे की वो इस फिल्म को ना दिखाए. साथ ही जनता से भी सपोर्ट की मांग करेंगे.
कल्वी ने जोधा अकबर फिल्म का हवाला देते हुए कहा कि कैसे मनुहार के बाद फिल्म कभी राजस्थान मे नहीं लगी. संजयलीला भंसाली ने उन्हें फिल्म देखने का न्योता दिया है अगर हमारी शर्तो के हिसाब से फिल्म है तो हम देखेंगे. लेकिन हम जानते है कि भंसाली फिल्म दिखाएंगे नहीं.
बता दें कि करणी सेना के मुताबिक, फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी का बॉथटब मे नहाने का सीन है जिसमे वो दीपिका पादुकोण यानि कि रानी पद्मावती के बारे मे कल्पना कर रहा है, वो बेहद आपत्तिजनक और अपमानित करने वाला है.