
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में नया गोरखपुर बसाने की योजना लोगों को रास नहीं आ रही है. दरअसल, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने सीमा विस्तार के बाद सुनियोजित ढंग से नए गोरखपुर को बसाने के लिए महायोजना 2031 तैयार की है. इसको आपत्तियों और सुझावों के लिए सार्वजनिक किया गया था.
आपत्ति दर्ज कराने की समय सीमा पहले चार अक्टूबर तक थी, लेकिन लोगों की शिकायतों का अम्बार लग गया. इसको देखते हुए इसे 15 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया था. इस पर अब तक 11 हजार से अधिक लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं. नियोजन विभाग सभी आपत्तियों को उनकी प्रवृति के अनुसार अलग करने में जुट गया है.
आपत्तियों को अलग कर कम्प्यूटर में फीड किया जाएगा, जिसके बाद सुनवाई शुरू होगी. सुनवाई को लेकर जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा. सबसे ज़्यादा आपत्ति भू उपयोग से जुड़ी है. भू उपयोग परिवर्तन के लिए सबसे ज्यादा लोगों ने अर्जी दिया है. ग्रीन लैंड को आवासीय करने और मुख्य सड़क पर स्थित भूखंडों कॉर्मशियल करने की आपत्ति दी गई है.
विनियमितिकरण से जुड़ी आपत्तियां भी खूब आयी हैय विस्तारित क्षेत्र में फोरलेन के किनारे जिनकी जमीन है, उनकी ओर से भी आपत्ति दर्ज कराई गई है. फोरलेन के किनारे हाईवे फैसिलिटी जोन के तहत दोनों ओर 30-30 मीटर बफर जोन व उसके बाद 18-18 मीटर चौड़ी सर्विस लेन बनाई जानी है, जिसमें कई लोगों की जमीन आ रही है.
इन लोगों ने भी आपत्ति दर्ज की है. इसके साथ ही वन क्षेत्र, प्राकृतिक नाला के आसपास निर्माण पर रोक को लेकर किए गए प्रावधान के विरोध में भी बड़ी संख्या में आपत्तियां आयी है. जीडीए उपाध्यक्ष की अगुवाई वाली कमेटी इस पूरे मामले की सुनवाई करेगी. आपत्ति करने वाले लोगों को बुलाया जाएगा.
(रिपोर्ट- रवि गुप्ता)