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यूपी के लोगों को पेट्रोल-डीजल पर मिलेगी राहत? सीएम योगी ने बुलाई बड़ी बैठक

उत्तर प्रदेश के लोगों को पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों (Petrol Diesel Price) से कुछ राहत मिल सकती है. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज शाम को सीएम आवास पर अहम बैठक बुलाई है.

पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ ,
  • 28 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST
  • मुख्यमंत्री योगी ने वित्त विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई
  • चुनाव से पहले जनता को राहत देने की तैयारी

तेल के बढ़ते दामों (Petrol Diesel Price) से पूरे देश में इस वक्त हाहाकार मचा है. इस बीच उत्तर प्रदेश के लोगों को पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से कुछ राहत मिल सकती है. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज शाम को सीएम आवास पर अहम बैठक बुलाई है. इसमें डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर भी चर्चा होगी.

जानकारी के मुताबिक, वित्त विभाग के अधिकारियों की मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है. शाम 5.30 बजे सीएम आवास पर मीटिंग होगी. पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ जमाखोरी,कालाबाज़ारी पर भी बात होगी. इसपर भी सीएम योगी कोई अहम फैसला कर सकते हैं. 

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उत्तर प्रदेश की बात करें तो इंडियन ऑयल की साइट के मुताबिक, आज लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 105.22 रुपये प्रति लीटर है. वहीं डीजल के रेट 97.48 रुपये प्रति लीटर हैं.

शहर का नाम पेट्रोल डीजल
दिल्ली 108.29 97.02
मुंबई 114.14 105.12
कोलकाता 108.78 100.14
चेन्नई 105.13 101.25

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल (Crude Oil) उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बीच देश भर में तेल के भाव पर महंगाई की मार जारी है. भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं. गुरुवार यानी 28 अक्टूबर को पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के रेट में 35-35 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. 

चुनाव से पहले राहत देने की तैयारी
विपक्षी पार्टियों ने ईंधन की कीमतों और महंगाई को चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है. सपा नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत सभी विपक्षी पार्टियों के नेता पेट्रोल-डीजल की कीमतों, महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं. माना जा रहा है कि योगी सरकार चुनाव से पहले ईंधन की कीमतों में कटौती करके जनता को कुछ राहत दे सकती है.

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देश में पेट्रोल और डीजलों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में तमाम लोगों को उम्मीद थी, कि मोदी सरकार इसे जीएसटी में लाकर लोगों को राहत दे सकती है. लेकिन सितंबर के आखिरी में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. दरअसल, ज्यादातर राज्य पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं थे. 

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