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Kanpur IT Raid: घर में तहखाना, 500 चाभियां और कारोबारी के 257 करोड़ के खजाने का ऐसे खुला राज

कानपुर में हुई छापेमारी में हैरान कर देने वाली संख्या में कैश और सोना मिला. इसके बाद इत्र कारोबारी पीयूष जैन (piyush jain) को गिरफ्तार किया जा चुका है.

पीयूष जैन के घर से अब तक 257 करोड़ कैश बरामद पीयूष जैन के घर से अब तक 257 करोड़ कैश बरामद
संतोष शर्मा
  • कानपुर,
  • 27 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:44 PM IST
  • इत्र कारोबारी पीयूष जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है
  • ढाई सौ करोड़ से ज्यादा रकम बरामद हुई थी

कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां हुई छापेमारी से जुड़ी नई-नई चौंकाने वाली बातें लगातार सामने आ रही हैं. करीब 150 घंटे चली छानबीन और करीब 50 घंटे चली पूछताछ के बाद आखिरकार पीयूष जैन को रविवार को गिरफ्तार किया गया था. जिस छापेमारी की तस्वीरों को देखकर हर कोई हैरान था, उससे जुड़े कुछ और तथ्य अब सामने आए हैं.

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पीयूष जैन पर अवैध कारोबार और टैक्स चोरी के आरोप लगे हैं, इसलिए यह छापेमारी हुई थी. जानकारी के मुताबिक, इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों हुई छापेमारी में अब तक 257 करोड़ की नकदी व कई किलो सोना बरामद हुआ है. हालांकि, इसपर अभी DGGI की तरफ से अधिकृत जानकारी आना बाकी है.

16 बेशकीमती प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले

पीयूष जैन के पास से सिर्फ अलमारी भरकर नोट ही नहीं मिले हैं, बल्कि उसके पास से 16 बेशकीमती प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं. इसमें कानपुर में 4, कन्नौज में 7, मुंबई में 2, दिल्ली में 1 प्रोपर्टी शामिल है. दुबई में भी उसकी दो प्रोपर्टी हैं.

छापे में बरामद सामान ऐसे बक्सों में लेकर जाया गया था

छापे के वक्त दिल्ली में थे पीयूष जैन

छापेमारी के बारे में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घरेलू नौकर ने आजतक को कुछ नई जानकारियां भी दीं. उसने बताया कि 22 दिसंबर को जब छापेमारी हुई तो पीयूष जैन दिल्ली में थे. दिल्ली में उनका परिवार पिता का इलाज कराने गया था. उस वक्त पीयूष जैन के दो बेटे घर पर ही थे. वहीं पीयूष के छोटे भाई झारखंड में थे.

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फिर जांच टीम के बुलाने पर पीयूष को दिल्ली से कानपुर आना पड़ा. फिर पूछताछ के बाद जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने पीयूष जैन को अरेस्ट किया.

घर के अंदर मिला तहखाना

जानकारी के मुताबिक, कानपुर में मौजूद पीयूष जैन की कोठी में अंदर तहखाना मिला है. वहीं उसके एक फ्लैट में 500 चाभियां मिली हैं. जानकारी मिली है कि पीयूष जैन अपनी कोठी की रखवाली में पुराने चौकीदार नहीं रखता था. वह चौकीदार को 1 या दो साल से पहले बदल देता था. 7-8 हजार रुपये महीने पर रखे गए इन चौकीदारों को घर के अंदर जाने की मनाही थी. 

नजरों से बचने के लिए खटारा कारें करता था इस्तेमाल

कारोबारी पीयूष जैन के पास इतना पैसा था, लेकिन वह किसी की नजरों में नहीं आना चाहता था. इसलिए हमेशा सालों पुरानी खटारा कारों से ही चलता था.

उसे कभी लग्जरी और नई-नई गाड़ियों का शौक नहीं रहा. उसपर सिर्फ दो कारें मिली हैं. इसमें एक फॉक्सवैगन और दूसरी टोयोटा की कार है.

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