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सिंगापुर से लेकर लंदन तक काशी विश्वनाथ मंदिर के इस रेप्लिका की डिमांड

कारीगर बिहारी लाल अग्रवाल की बेटी सुभी बताती हैं कि वे लकड़ी के खिलौने बनाने के काम में लगने वालीं अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं. उनके ग्राहक काफी समय से काशी विश्वनाथ की रेप्लिका घर में रखने की इच्छा रखते थे. इसलिए उन्होंने इसे बनाना शुरू किया.

लकड़ी पर उकेरे गए काशी विश्वनाथ मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है. लकड़ी पर उकेरे गए काशी विश्वनाथ मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है.
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 22 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:29 PM IST
  • एक-दूसरे को गिफ्ट में देने के लिए भी खरीद रहे लोग
  • चार पीढ़ियों से वाराणसी के कारीगर बना रहे इस तरह की रेप्लिका

भाजपा शासित राज्यों में काशी विश्वनाथ के रेप्लिका खूब जोर-शोर से डिमांड किए जा रहे हैं. आम लोगों के साथ-साथ विधायक भी इसे ऑर्डर कर रहे हैं. इसे चुनावी माहौल से भी जोड़कर देखा जा रहा है. विश्वनाथ धाम के रेप्लिका की डिमांड घर-घर में बढ़ती जा रही है. इसे तोहफे के रूप में देने का चलन भी बढ़ गया है. वाराणसी में लकड़ी के खिलौने बनाने वाले कारीगरों ने विश्वनाथ धाम का हूबहू रेप्लिका तैयार कर लिया है. लकड़ी के विश्वनाथ धाम को तैयार करने वालों की मानें तो इसकी मांग भाजपा शासित राज्यों में ज्यादा है.

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बता दें कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम को वाराणसी के कारीगरों ने लकड़ी पर उकेरा है. कारीगर बिहारी लाल अग्रवाल बताते हैं कि विश्वनाथ धाम कि रेप्लिका बनाने के दौरान बारिकी का विशेष ख्याल रखा जाता है. जैसे मंदिर का सिखर, दिवारें, शिवलिंग और नंदी तक को हूबहू उसी तरह लकड़ी पर डिजाइन किया जाता है. सटीक रेप्लिका बनाने के दौरान शुरू में 10-12 पीस खराब भी हुए हैं. इसके बाद सफलता हाथ लगी.

इस काम में बिहारी लाल के साथ उनकी बेटी समेत कुल 40 लोगों की टीम काम करती है. विश्वनाथ मंदिर का रेप्लिका 3 साइज में उपलब्ध है. इसकी कीमत 4 हजार रुपए से लेकर 20 हजार तक है.

वाराणसी आने वाले लोग इसे खरीदकर ले जाते हैं और अपने घरों में या मंदिर में रखते हैं. उन्होंने बताया कि डिमांड इतनी बढ़ चुकी है कि आगे आने वाले एक साल तक बुकिंग हो चुकी है. अब डिमांड पूरी करने के लिए नए कारीगरों को भी काम सिखाया जा रहा है.

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कारीगर बिहारी लाल ने बताया कि बीजेपी पार्टी की तरफ से भी इसकी डिमांड आई है और ऑर्डर मिल रहे हैं. स्थानीय बीजेपी विधायकों और भाजपा शासित राज्यों से इसका ऑर्डर मिल रहा है. बिहारी लाल का मानना है कि अगर चुनाव में बीजेपी इसके जरिए प्रचार-प्रसार करती है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है. क्योंकि जो कभी नहीं हुआ, उसे पूरा किया गया. इसका फायदा बीजेपी को मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि इसके पहले रामजन्म भूमि मंदिर को लकड़ी पर उन्होंने ही उकेरा था. तब भी लोगों ने उसे हाथों हाथ खरीदा था.

बिहारी लाल अग्रवाल की बेटी सुभी बताती हैं कि वे लकड़ी के खिलौने बनाने के काम में लगने वालीं अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं. उनके ग्राहक काफी समय से काशी विश्वनाथ की रेप्लिका घर में रखने की इच्छा रखते थे. इसलिए उन्होंने इसे बनाना शुरू किया. उन्होंने बताया कि विश्वनाथ धाम के रेप्लिका की डिमांड सिंगापुर और लंदन तक है. वहां से भी उनसे संपर्क किया जा रहा है. 

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