
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) का उद्घाटन करेंगे. देश का ये 29वां और उत्तर प्रदेश का चौथा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा. कुशीनगर का क्षेत्र बौद्ध सर्किट के तहत आता है. इसमें गौतम बुद्ध का जन्म स्थान लुम्बिनी, सारनाथ और गया भी शामिल है. 20 अक्टूबर को यहां पहली इंटरनेशनल फ्लाइट लैंड करेगी. इसमें श्रीलंका के 25 प्रतिनिधि और 100 बौद्ध भिक्षुक रहेंगे.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यहां आने वाले अतिथियों को कालानमक चावल से बनी खीर को प्रसाद के तौर पर दिया जाएगा. पार्टिसिपेटर रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष राम चेत चौधरी ने बताया, 'ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने कालानमक चावल से बनी खीर खाकर और अपने शिष्यों में बांटकर उपवास तोड़ा था.'
उन्होंने बताया कि अपने स्वाद, खुशबू और पोषक तत्वों के लिए जाना जाने वाला काला नमक चावल कुशीनगर के अलावा सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर, महाराजगंज और संत कबीर नगर की पहचान है. राम चेत चौधरी बताते हैं, 'भगवान बुद्ध ने किसानों को कालानमक चावल की खेती करने की सलाह दी थी.'
उन्होंने बताया कि चीनी यात्री फा-हियेन ने भी सिद्धार्थनगर में कालानमक चावल का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले इस चावल के उत्पादन की कमी आ गई थी, लेकिन राज्य सरकार की कोशिशों से इसकी खेती 50 हजार हेक्टेयर तक बढ़ गई है.
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पर्यटन में 15% की बढ़ोतरी की उम्मीद
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए बौद्ध सर्किट की यात्रा करना आसान हो जाएगा. इसके साथ ही यहां पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इस एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद श्रीलंका, जापान, चीन, थाईलैंड, ताइवान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे देशों के यात्रियों के लिए सारनाथ, श्रावस्ती, बोध गया, लुम्बिनी, वैशाली नगर, केसरिया और संकीसा की कम वक्त में यात्रा करना मुमकीन हो सकेगा.
एयरपोर्ट के शुरू होने से यहां विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. बौद्ध विदेशी पर्यटक पहले अगर बौद्ध सर्किट की यात्रा करना चाहते थे, तो उन्हें कोलकाता, दिल्ली, गया या वाराणसी उतरना पड़ता था और वहां से दूसरे साधनों के जरिए यहां तक पहुंचना पड़ता था. लेकिन अब कुशीनगर में ही एयरपोर्ट होने से बौद्ध यात्री कम समय में और आसानी से बौद्ध सर्किट की यात्रा कर सकेंगे.
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के आंकड़ों के मुताबिक, कुशीनगर में 2016 में 8.98 लाख, 2017 में 9.3 लाख, 2018 में 9.7 लाख और 2019 में 10.96 लाख पर्यटक आए थे. 2020 में कोरोना महामारी की वजह से पर्यटकों की संख्या कम हो गई थी और पिछले साल महज 3.23 लाख पर्यटक ही यहां आए. आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में सबसे ज्यादा 3.39 लाख पर्यटक चीन से आते हैं. उसके बाद मलेशिया (3.34 लाख), जापान (2.38 लाख) और सिंगापुर (1.90 लाख) से पर्यटक कुशीनगर पहुंचे थे.