
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो...कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को इसी कविता के जरिए यूपी के चित्रकूट से भाजपा सरकार पर निशाना साधा था. लेकिन अब इसके लेखक ने कविता के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है. कवि पुष्पमित्र उपाध्याय ने कहा कि ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए. युवा कवि ने कहा,''कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?''
दरअसल, प्रियंका गांधी बुधवार को यूपी के चित्रकूट दौरे पर पहुंची थीं. यहां उन्होंने महिलाओं से संवाद भी किया था. इस दौरान प्रियंका ने कहा था, सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद न आएंगे कब तक आस लगाओगी, तुम बिके हुए अखबारों से कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से.
मैं आपकी विचारधारा का समर्थन नहीं करता- कवि
कवि पुष्पमित्र उपाध्याय ने ट्वीट किया, ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए. न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनैतिक उपयोग करें. कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?
इस मर्म को दूषित न करें
पुष्पमित्र उपाध्याय ने एक और ट्वीट में लिखा, 2012 में निर्भया प्रकरण पर लिखी गई कविता का संदेश और अपील आपकी राजनैतिक कुंठाओं से अलग और व्यापक है. राजनैतिक संस्थानों से अनुरोध है कि कविता का प्रयोग क्षुद्र राजनैतिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए कर के इसके मर्म को दूषित न करें.
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