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कानपुर और काशी में कमिश्नरी सिस्टम को योगी सरकार की मंजूरी, जानिए क्या होंगे बदलाव

कमिश्नरेट सिस्टम को लेकर डीजीपी मुख्यालय से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था जिसपर योगी सरकार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी.  अब इन दो शहरों में पुलिस महकमे के मुखिया अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अफसर होंगे और वह पुलिस आयुक्त कहलाएंगे.

योगी सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. (फाइल फोटो) योगी सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST
  • डीजीपी मुख्यालय से भेजा गया था प्रस्ताव
  • योगी सरकार की कैबिनेट ने दी मंजूरी
  • कानपुर और काशी में कमिश्नरी सिस्टम लागू

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और नोएडा के बाद अब सूबे के दो और शहरोंं में कमिश्नरी सिस्टम लागू कर दिया है. योगी सरकार ने कानपुर और बनारस में भी पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने को मंजूरी दे दी है. इन दोनों शहरों में गुरुवार को पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया. कमिश्नरेट सिस्टम को लेकर डीजीपी मुख्यालय से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था जिसपर योगी सरकार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी. अब इन दो शहरों में पुलिस महकमे के मुखिया अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अफसर होंगे और वह पुलिस आयुक्त कहलाएंगे.

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कमिश्नरेट सिस्टम  लागू होने से होंगे ये बदलाव

कानपुर और वाराणसी में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से के बाद अब पुलिस कमिश्नर, ज्वॉइंट कमिश्नर,डिप्टी कमिश्नर, असिस्टेंट कमिश्नर जैसे पद पुलिस अधिकारियों को दिए जाएंगे. दरअसल, इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद अब पुलिस अधिकारी को जिलाधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार मिलेंगे. पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था से जुड़ेे मुद्दों पर अहम निर्णय ले सकते हैं.

इसके अलावा एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल शक्तियां भी पुलिस को मिल जाएंगी. शांतिभंग की आशंका में निरुद्ध करने से लेकर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर एक्ट और रासुका तक की कार्रवाई पुलिस कमिश्नर के हाथों होगी.

खास बात यह है कि ऐसे मामले में डीएम से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल होगा. धरना-प्रदर्शन की अनुमति देना या न देना और विषम परिस्थितियों में लाठीचार्ज के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास होगा.

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बता दें कि लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू किए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल कहा था कि प्रदेश में कमिश्नरी सिस्टम उन जिलों में लागू किया जाना चाहिए, जहां पर आबादी 10 लाख से ज्यादा हो. लखनऊ में 29 लाख तो नोएडा जिले की आबादी 25 लाख के करीब है.

 

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