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बरेली: थाने में रखी हुई बाइक को चुपके से बेच दी, यूं खुल गई पोल

बरेली के तेज तर्रार एसपी सिटी रविंद्र कुमार सीबीगंज में बैंक के बाहर चेकिंग कर रहे थे. इस दौरान बैंक के बाहर उन्होंने बिना नंबर प्लेट की होंडा सीडी बाइक खड़ी देखी. पूछताछ में पता चला कि यह बाइक पुलिस नीलामी में खरीदी गई है.

पुलिस ने थाने से बेची बाइक पुलिस ने थाने से बेची बाइक
कृष्ण गोपाल राज
  • बरेली,
  • 14 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST
  • 15 हजार में बेची चोरी की बाइक
  • मुंशी गंगाराम हुआ गिरफ्तार

यूपी के बरेली में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. बरेली के प्रेमनगर पुलिस स्टेशन में कार्यरत मुंशी गंगाराम ने थाने में खड़ी लावारिस बाइक को ही बेच दी. जब इस मामले की जांच हुई तो मुंशी गंगाराम को जेल जाना पड़ा. बाइक खरीदने वाले नाजिर, प्रेमनगर थाना के दलाल वाहिद और अजीम को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

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दरअसल, सोमवार दोपहर में बरेली के तेज तर्रार एसपी सिटी रविंद्र कुमार सीबीगंज में बैंक के बाहर चेकिंग कर रहे थे. इस दौरान बैंक के बाहर उन्होंने बिना नंबर प्लेट की होंडा सीडी बाइक खड़ी देखी. बाइक मालिक को ढूंढा गया. जब बाइक मालिक से पूछताछ की गई तो नाजिर हुसैन ने बताया कि वह सीबीगंज के गांव बिधौलिया का रहने वाला है. उसने यह बाइक पुलिस नीलामी में खरीदी है.

एसपी सिटी रविन्द्र कुमार ने कहा कि प्रेमनगर थाने में वाहनों की नीलामी नहीं हुई है, फिर बाइक कैसे खरीदी ली. पुलिस ने नाजिर से पूछा तो पता चला कि उसने करीब चार-पांच महीने पहले 15 हजार रुपये में यह बाइक प्रेमनगर थाने के मुंशी गंगाराम से खरीदी थी. यह बाइक उसे वाहिद और अजीम ने दिलवाई थी. बाइक खरीद में वाहिद और अजीम को 1500-1500 रुपये, जबकि दीवान ने 12 हजार रुपये लिया. 

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एसपी सिटी रविन्द्र कुमार ने बताया कि पीआरवी ने एक बाइक लावारिस हालात में पाई और उसे प्रेमनगर थाने में मुंशी के हवाले कर दी. गंगाराम ने बाइक को रिकॉर्ड में ना लेकर कई महीने बाद बेच दिया. बाइक रिकॉर्ड में नहीं थी, इसलिए इंस्पेक्टर सहित थाने के बाकी लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी. गंगाराम ने सबकी आंखों में धूल झोंक कर बाइक दलालों के हाथ बेच दी. हालांकि चेकिंग से मामला खुल गया.

अब जांच के बाद मंगलवार को पुलिस ने वाहिद और अजीम को भी गिरफ्तार कर लिया है. एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मुंशी गंगाराम को सस्पेंड करने के बाद गिरफ्तार कर लिया. बाकी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया.

 

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